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कारों का इलेक्ट्रिक मैकेनिज्म तोड़ने वाले 2 मास्टरमाइंड गिरफ्तार: दिल्ली से 5.50 लाख रुपए में मशीन खरीदी, डेटा चुराकर करते थे वारदात

Banswara
कारों का इलेक्ट्रिक मैकेनिज्म तोड़ने वाले 2 मास्टरमाइंड गिरफ्तार: दिल्ली से 5.50 लाख रुपए में मशीन खरीदी, डेटा चुराकर करते थे वारदात
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अगर आप शहर से बाहर गए और अपनी कार धुलवाने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपको पढ़ना बेहद जरूरी है। क्योंकि धुलाई के कुछ दिन बाद ही आपकी कार चोरी भी हो सकती है। खबर पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है, लेकिन यह सच है। क्योंकि ऐसी ही घटना शहर में एसबीआई के जनरल इंश्योरेंस मैनेजर राहुल काबरा के साथ हुई है।

23 जनवरी को उनकी स्विफ्ट डिजायर कार बैंक के बाहर से चोरी हो गई। राहुल वारदात के कुछ दिन पहले ही अपनी कार लेकर उदयपुर गए थे। जहां लेकसिटी मॉल स्थित कार सर्विस सेंटर पर अपनी कार धुलवाई। थोड़ी देर बाद राहुल कार लेकर लौट आए, लेकिन कुछ दिन बाद ही उनकी कार चोरी हो गई। दरअसल, उदयपुर की प्रतापनगर थाना पुलिस ने दो बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद इस चोरी के इस हाईटेक तरीके का खुलासा किया है।

चोरी के दो आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने जालौर के आतमणावास निवासी 24 वर्षीय विक्रम कुमार सुथार और बापू नगर कॉलोनी के 30 वर्षीय लतीफ खान को गिरफ्तार किया है। दोनों ने राहुल की कार की धुलाई के दौरान चाबी की कॉपी कर डुप्लिकेट बना ली थी और कार में जीपीएस लगा दिया था। इसके बाद राहुल की कार को ट्रैक किया और कुछ दिन बाद चुरा ले गए।

बांसवाड़ा पुलिस अब दोनों ही आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट के जरिए गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। आरोपियों ने डेढ़ महीने पहले ही लेकसिटी मॉल में एक्सेस डिटेलिंग के नाम से कार वॉशिंग व सर्विस सेंटर खोला। फिर इलेक्ट्रिक मशीन के जरिए लग्जरी कारों का इलेक्ट्रॉनिक मशीन का मैकेनिज्म ब्रेक कर डेटा चुरा लेते थे।

जीपीएस डिवाइस लगाकर कार मालिक कौ सौंपते

इसके बाद जीपीएस डिवाइस लगाकर कार मालिक को सौंप देते। फिर चुराए डेटा की मदद से नई चाबी बनाकर कार चुराते। आरोपियों ने उदयपुर समेत राजस्थान, महाराष्ट्र व गुजरात की 31 कारों का डेटा चुराकर चाबियां भी तैयार कर ली थीं और इन्हें चुराने की फिराक में थे। इससे पहले पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया।इनसे तीन कारें बरामद की गई हैं। आरोपियों ने ब्रेजा समेत अन्य कारें भी चुराई है।

थानाधिकारी हिमांशु सिंह ने बताया कि आरोपी दिल्ली से 5.50 लाख रुपए में मशीन खरीद कर लाए थे। इससे वे कारों का इलेक्ट्रिक मैकेनिज्म तोड़कर डेटा चुरा लेते हैं। इनके सर्विस सेंटर पर लोग लग्जरी कारें धोने के लिए ले जाते और सफाई के नाम पर गाड़ी खुलवा लेते। फिर कार में नजर नहीं आए ऐसी जगह पर टेप से जीपीएस डिवाइस लगा देते, जिसका बैटरी बैकअप 10 दिन का होता। कार जाने के बाद जीपीएस से उसे ट्रैक करते। इसी बीच, मशीन में लिए डेटा की मदद से कार की चाबी बना लेते और मौका देखकर कार को चुरा कर फरार हो जाते।

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