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सभी अस्पतालों में बनाएंगे हीट स्टॉक रूम, मरीजों को गर्मी से राहत मिलेगी

Banswara
सभी अस्पतालों में बनाएंगे हीट स्टॉक रूम, मरीजों को गर्मी से राहत मिलेगी
@HelloBanswara - Banswara -

अब िजले के सभी सरकारी अस्पतालों में हीट स्टॉक रूम बनेंगे, इसमें बेड, कूलर विद वाटर, पंखे और प्रचार प्रसार सामग्री डिस्पले की सुविधा भी बहाल होगी। सोमवार को जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव की अध्यक्षता में स्वास्थ्य भवन में समीक्षा बैठक हुई, जिसमें कलेक्टर ने सभी बीसीएमओ को अस्पतालों में हीट स्टॉक रूम बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि अस्पताल मंे आने वाले मरीजों को गर्मी से राहत मिले।

जिसे हीट स्टॉक से बचा जा सके। सीएमएचओ डॉ. एच एल ताबियार ने सिकल सेल एनीमिया जांच अभियान में बांसवाड़ा िजले की स्थिति से अवगत कराया। कलेक्टर ने सभी बीसीएमओ को जून तक सिकल सेन एनीमिया की जांच के लिए आए किट खत्म करने और रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज करने के निर्देश दिए। डॉ. ताबियार ने बताया कि 3 लाख किट कुछ ही दिनों में आने वाले हैं। ऐसे में पुराने लंबित 29,778 किट को एक सप्ताह के भीतर खत्म किए जाए। डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राहुल डिंडोर ने कहा कि जिले में अब तक 9 लाख 22 हजार 375 किट सिकल सेल एनिमिया की जंाच के लिए आए थे, जिसमें से 8 लाख 74 हजार 597 किट से जांच हो चुकी है। उन्होंने गर्मी का मौसम देखते हुए अस्पतालों में ओआरएस कॉर्नर और आपातकालीन कुलिंग फर्स्ट एड की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फर्स्ट एड में वेट टॉवेल और आइस पेक के साथ आईवी शामिल है। जिला शिशु एवं प्रजनन अधिकारी डॉ. दिनेश भाबोर ने कहा कि कई स्थानों पर हाउस टू हाउस विजिट नहीं हो रही है, कई जगह पर आरसीएच रजिस्टर अधूरा दर्ज हुआ मिला है। फिल्ड स्टाफ को चेतावनी दी कि अब गलती पाई गई तो सख्त कार्रवाई होगी। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीके वर्मा ने भी टीबी संबंधित रिपोर्ट की जानकारी दी।

सीएमएचओ ने सभी बीसीएमओ को सख्त हिदायत दी है कि ऑनलाइन रिपोर्टिंग में डाटा गेप होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब तक जो भी डाटा गेप ऑनलाइन और ऑफलाइन आ रहे हैं व आपस में बैठक कर एक दो दिन में समाधान कर लें। इसके बाद कोई भी डाटा गेप आता है तो कलेक्टर के माध्यम से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान ब्लड प्रेशर, शुगर की जांच हर तीस वर्ष से अधिक व्यक्ति की करने के निर्देश दिए। बैठक में डीपीएम ललित सिंह झाला ने पीपीटी के माध्यम से सभी योजनाओं के बारे में प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराया। डीपीसी डॉ. प्रवीण गुप्ता, बीसीएमओ डॉ. भगत सिंह तंबोलिया, डॉ. निलेश सोनी, डॉ. भीमसिंह, डॉ. निलेश लबाना, डॉ. देवेंद्र डामोर, डॉ. दीपक पंकज, डॉ. मुकेश मईडा, यूपीएम डॉ. वनिता त्रिवेदी ने भी अपने विचार रखे। कलेक्टर ने सभी बीसीएमओ को निर्देश दिए कि आशाआंे को प्रशिक्षण देने के लिए मॉड्यूल तैयार करें। प्रशिक्षण के नाम पर औपचारिकता न हो। सभी बीसीएमओ अपने स्तर पर इसके लिए थीम तैयार करें। सेक्टर मीटिंग में इस मॉडयूल के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाए। प्रशिक्षण के बाद उस पर कितना अमल हुआ या असर हुआ, इसके लिए स्वयं बीसीएमओ फिल्ड में जाकर इसकी जांच करें। उन्हांेने अस्पतालों में दूषित पानी पीने से बीमार होने जैसी स्थिति पाए जाने पर तुरंत जिला प्रशासन को सूचित करने के निर्देश भी दिए।

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