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पासपोर्ट ऑफिस की तरह काम करेगा परिवहन विभाग, आरटीओ-डीटीओ ऑफिस बनेगा हाईटेक

Banswara
पासपोर्ट ऑफिस की तरह काम करेगा परिवहन विभाग, आरटीओ-डीटीओ ऑफिस बनेगा हाईटेक
@HelloBanswara - Banswara -

लाइसेंस बनवाने के लिए निजी काउंटर खुलेंगे, पहले 12 रीजनल कार्यालय में होगा शुरू, जल्द हो सकते हैं आदेश

 

बांसवाड़ा अब जल्द ही परिवहन विभाग की ओर से आरटीओ-डीटीओ ऑफिस का हाईटेक बनाने की कवायद शुरू हो गई है। जिसके बाद लोगों को लाइसेंस बनवाने के लिए चक्कर नहीं लगाने होंगे। आरटीओ-डीटीओ ऑफिस पासपोर्ट ऑफिस की तर्ज पर हाईटेक हाेने जा रहे हैं। कार्यालयों में फ्रंट ऑफिस में क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लागू होगा। यह लगने के बाद कार्यालयों में किसी भी काम के लिए आने वाले आवेदकों को भटकना नहीं होगा। इसके लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करना और जांच करना सहित कार्य निजी फॉर्म को ठेके पर दिया जाएगा।

लाइसेंस के लिए उन्हें कैटेगरी के हिसाब से टाेकन मिलेगा। नंबर आने पर संबंधित काउंटर पर जाना हाेगा। जहां पर निजी कंपनी के लाेगाें के माध्यम से कंप्यूटर में दस्तावेज अपलोड किए जाएंगे। दस्तावेजों की जांच के बाद अंतिम निर्णय आरटीओ कर्मचारियों का हाेगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इससे परिवहन कार्यालयों में पारदर्शिता आएगी और दलालों का सिस्टम पूरी तरह खत्म हो जाएगा। बताया जा रहा है कि शुरुआत में 12 रीजनल आरटीओ कार्यालय को शामिल किया है। उसके बाद यह जिला स्तर पर प्रक्रिया शुरू होगी। आरटीओ प्रकाश सिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार ने बजट में इसकी घोषणा की है। जिससे की दलालों से लोगों को मुक्ति मिल सके, लेकिन अभी तक ऑर्डर नहीं आए हैं। अभी केवल प्रक्रिया चल रही है।

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परमिट- वाहन परमिट का काम अभी ऑफलाइन हाे रहा है। सिस्टम लगने के बाद परमिट आनॅलाइन मिलेंगे। इसके लिए दलालों के पास नहीं जाना हाेगा। ऑफिस में लगे काउंटर पर पूरी प्रक्रिया के बारे में समझाया जाएगा। दस्तावेज अपलोड का काम भी आफिस के अंदर हाेंगे। आनॅलाइन आवेदन करने पर काउंटर पर टाेकन मिलेगा। संबंधित काउंटर पर जाना हाेगा। जहां पर पूरी प्रक्रिया होगी।

वाहन चालान- अभी वाहनों के चालान काे कम्पाउंड कराने का काम दलालों के माध्यम से अाॅफ लाइन किया जा रहा है। चालान हाेने के बाद आफिस में संबंधित दस्तावेज लगाए जाते हैं। सिस्टम लगने के बाद हैल्प डेस्क लाइन पर पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया जाएगा। इसके बाद टाेकन दिया जाएगा। टाेकन मिलने के बाद संबंधित काउंटर पर कर्मचारी संबंधित व्यक्ति को बुला लेगा।

लाइसेंस- अभी लाइसेंस के लिए दलाल ही फार्म भरने से लेकर ट्रायल तक काम कराता है। यह सिस्टम लागू हाेने पर फार्म भरने के बाद काउंटर पर जाना हाेगा। यहां पर टाेकन मिलेगा। पूरे दस्तावेज जांच के बाद ऑटाेमेट्रिक ड्राइविंग ट्रायल पर भेजा जाएगा। यहां पहले राेड सेफ्टी की ट्रेनिंग हाेगी। इसके बाद ट्रायल ली जाएगी। लाइसेंस और आरसी डाक से घर भेजे जाएंगे। किसी भी तरह किसी का समय के अनुसार ही लाइसेंस पहुंचेगा।

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