1 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य इस बार विभाग ने शहरी क्षेत्रों में रखा
पर्यावरण को सबसे ज्यादा खतरा पेड़ पौधों की कटाई के कारण ही हो रहा है। जिस पर जलवायु टिकी हुई है। इन्हीं पेड़ पौधों की कटाई के कारण ही ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है, लेकिन इसी खतरे के बीच लोगों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी अवेयरनेस देखने को मिल रही है।
जिसमें लोग अधिक से अधिक पेड़ पौधों को अपने घर का हिस्सा बना रहे हैं। कोई बागवानी कर रहा है तो कोई पौधों को घरों के गमलों में सजा रहा है। इसी संरक्षण की दिशा में बांसवाड़ा जिला भी पीछे नहीं है। जिसने पौधरोपण के लिए अब तक प्रदेश में दूसरा स्थान बना लिया है। पहले पायदान पर प्रदेश का अलवर जिला काबिज है। बांसवाड़ा जिले से वन विभाग को इस बार 14 लाख 50 हजार 306 पौधों का लक्ष्य दिया गया था। जिसमें अब तक 4 लाख 62 हजार 837 पौधों का वितरण किया जा चुका है।
यह लक्ष्य पूर्ति सितंबर तक की जा सकेगी। वन विभाग स्वयं ही अपनी नर्सरियों में पौैधे तैयार का कुछ न्यूनतम शुल्क में वितरण करता है। अब तक यह प्रक्रिया ऑफलाइन ही होती रही है, लेकिन इस बार विभाग ने ऑनलाइन मॉडल भी तैयार किया है। जिसमें लोग घर बैठे पौधों की खरीदी कर सकें।
जिले में ऑफलाइन से ज्यादा ऑनलाइन पौधों की खरीदी हुई है। उपवन संरक्षक जिग्नेश शर्मा ने बताया कि अब तक जिले में 155410 पौधे लोगों ने नर्सरी और विभाग तक पहुंचकर खरीदे हैं। वहीं घर बैठे ऑनलाइन की संख्या दोगुनी है, जिसमें 307427 पौधों की बिक्री की जा चुकी है।
वन विभाग ने इस बार अलग-अलग जगह के अनुसार अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए हैं। जिसमें शहरी क्षेत्र यानि बांसवाड़ा, परतापुर, कुशलगढ़ के लिए कुल 1 लाख पौधों का लक्ष्य है। जिसमें बांसवाड़ा में 75 हजार, कुशलगढ़ में 8 हजार और गढ़ी-परतापुर में 17 हजार पौधे लगाए जाने हैं।
आम, नीम, बांस, बेर, देसी बबूल, बहेड़ा, आंवला, गुलमोहर, सहजना, अर्जुन, अशोक, चुरेल, जंगल जलेबी, सागवान, कचनार के साथ ही अन्य फलदार और छायादार पौधे तैयार किए हैं।