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बामनिया व पंड्या से आलाकमान नाराज, कारण-नेतृत्व ने सभी निर्णय इन पर छोड़े फिर भी पार्टी की फजीहत हुई

Banswara
बामनिया व पंड्या से आलाकमान नाराज, कारण-नेतृत्व ने सभी निर्णय इन पर छोड़े फिर भी पार्टी की फजीहत हुई
@HelloBanswara - Banswara -

कांग्रेस में अभी भी सब ठीक नहीं है। पार्टी न खुलकर बीएपी के समर्थन में काम कर पा रही है और न अपने प्रत्याशी अरविंद डामोर के खिलाफ। दो दिन से जयपुर बैठे पूर्व मंत्री अर्जुन बामनिया और जिलाध्यक्ष रमेश पंड्या रविवार को बांसवाड़ा आ गए लेकिन अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। सूत्रों का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम के लिए आलाकमान ने स्थानीय स्तर पर पूर्व मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया और जिलाध्यक्ष रमेश पंड्या को जिम्मेदार माना है।

आलाकमान उनसे नाराज है, क्योंकि पार्टी ने सब कुछ उनके फीडबैक के आधार पर काम किया। सभी निर्णयों के लिए उनको फ्री हैंड कर दिया लेकिन स्थिति इतनी खराब हो गई कि अब पार्टी को अपने ही प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करना पड़ेगा। वे गठबंधन करने या नहीं करने का निर्णय समय पर नहीं कर पाए। आलाकमान को फीडबैक गया कि कई कार्यकर्ता गठबंधन नहीं चाहते थे। दूसरी ओर, इस घटनाक्रम के कारण पार्टी में दो फाड़ हो गए हैं। इसका पार्टी को नुकसान होगा क्योंकि ऐसी स्थिति में कार्यकर्ताओं में मनमुटाव हुए हैं और कई कार्यकर्ता पार्टी से टूटे भी हैं। इसी असमंजस वाली स्थिति से निपटने के लिए पीसीसी ने पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट को भीलवाड़ा से बांसवाड़ा भेजा है। जाट सोमवार को यहां आएंगे और कांग्रेस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से आगे की रणनीति के बारे में चर्चा करेंगे। फीडबैक लेंगे और उनको आलाकमान के निर्णय से भी अवगत कराएंगे।

भाजपा में इस बार अजीब स्थिति बनी है। लोकसभा और बागीदौरा विधानसभा के उप चुनाव से इस बार असल भाजपा गायब है। दोनों चुनावों में प्रत्याशी असली भाजपा के नहीं हैं। दोनों प्रत्याशी कांग्रेस से आए हुए नेता हैं। दोनों आपस में रिश्तेदार भी हैं। हालांकि यह सब कुछ पहले से पता था लेकिन भाजपा में जड़ों से जुड़े कुछ नेताओं को यह रास नहीं आ रहा है। हालांकि अभी तक खुलकर किसी ने बगावत नहीं की है लेकिन इसको लेकर स्थानीय स्तर पर अब अलग-अलग कार्यकर्ताओं में अंदर ही अंदर वैचारिक द्वंद्व चल रहा है कि यह सही हुआ या नहीं।

भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने रविवार को बांसवाड़ा शहर में हुए एक कार्यक्रम में उनके कांग्रेस में धुर विरोधी पूर्व मंत्री एवं बांसवाड़ा शहर विधायक अर्जुन बामणिया पर हमला बोला। उन्होंने कहा- बामनिया जयपुर जाकर इसलिए बैठे हैं कि कोई बड़ा नेता बांसवाड़ा न आ जाए। दोनों बाप-बेटे बीएपी को जीताने के लिए टूट पड़े हैं। वे कांग्रेस से विधायक बने हैं लेकिन उन्होंने पार्टी को बीएपी को बेच दिया। ये लोग मुंगेरीलाल के सपने जैसे हैं। उन्होंने बीएपी प्रत्याशी राजकुमार रोत और बीएपी पर भी निशाना साधा।

इस बारे में अर्जुन बामनिया ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। भास्कर: लोकसभा प्रत्याशी अरविंद डामोर को गायब कराने में आपकी भूमिका रहीं, ऐसी चर्चा है? खोड़निया: मेरा कुछ लेना-देना नहीं है। वे बांसवाड़ा में थे। वह बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र का रहने वाला है। उसे फॉर्म किसने भरवाया वह भी सब जानते हैं। भास्कर: जिलाध्यक्ष को इस मामले में जयपुर तलब किया या नोटिस जारी हुआ है? खोड़निया: ऐसा कोई विषय नहीं है। अरविंद का लोकेशन पता कर लिया जाए कि वो कहा था। उससे लोकेशन पता चल जाएगी। मैं पार्टी के प्रति वफादार हूं। उसे गायब करके मुझे क्या फायदा।

भास्कर : गठबंधन के बाद भी कांग्रेस प्रचार-प्रसार में एक्टिव नहीं दिख रहीं, क्या वजह? खोड़निया: यह संशय आज दोपहर 1 बजे दूर हो जाएगा। (खोड़निया लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की प्रचार समिति के सदस्य हैं।) नामांकन के दिन आप पर कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर को छिपाने के आरोप लग रहे हैं ? खोड़निया: इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं, बाकी...

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