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दिल्ली के प्रदुषण से उदाहरण ले की पर्यावरण कितना जरूरी है, पर्यावरण के ख़राब होने के लिए इंतज़ार ना करे - पुकार

Banswara
@HelloBanswara - Banswara -

जिस प्रकार से आज जंगल खत्म होते जा रहे है इससे न सिर्फ इन्सान को नुकसान हो रहा है इससे जानवरों, पक्षियों सभी को नुकसान हो रहा है और इसी कारण आज कई जानवर पक्षी सिर्फ हमें चिड़ियाघर में ही देखने मिलते है क्यूंकि ये विलुप्त होती जा रही है, आज हम इन पक्षियों की चहचहाहट सुनाने के लिए पिंजरा खरीदते है, क्या यह हमारे द्वारा किया जा रहा जुर्म नहीं इन पर जो हम इन्हें सलाह्कों के मध्य रख रहे है इनका क्या जुर्म है जो हम इन्हें सजा दे रहे है, अगर इनकी चहचाहट सुननी है तो हमें पिंजरे नहीं पेड़ लगाने चाहिए अपने आप इन पक्षियों को आवास मिलेगा जिससे यह विलुप्त नहीं होंगे और हमें इनकी मधुर धुन मिलेगी। इसलिए पुकार कहता है पिंजरे नहीं ख़रीदे पोधे लगाये, इससे पक्षियों को मिलेंगे आवास और हमें मिलेगी मधुर धुन।

पुकार ग्रुप अपने इसी अभियान के तहत पोधे लगाने के लिए निकला और खत्म हो रहे जंगल में पोधे लगाये, इसके लिए पुकार ग्रुप ने श्याम पूरा जंगल को चुना और कुछ हिस्से में पोधारोपन करना प्रारंभ किया और पुकार ग्रुप ने कहाँ की यह जंगले किसी समय घना हुवा करता था पर कई समय से यह जंगल खत्म सा हो रहा है और पोधे भी खत्म हो गए है, इसकी यह दुर्दशा देखी नहीं जाती है, क्यूंकि हमें प्राण वायु देने के लिए इस जंगल का बहुत बड़ा योगदान है और अगर इस पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में हमारी भी स्थिति दिल्ली जैसी हो जायेगी, तो हमें उदाहरण से ही समझ जाना चाहिए कि इस वातावरण की इस वातावरण के प्रति जितना जल्दी हम सजग हो जायेंगे तो उतना ही अच्छा होगा हमारे भविष्य के लिए, क्यूंकि आने वाली पीढ़ी के लिए हमें मिसाल बनाना होगा नहीं तो वो हमें कोसती रहेगी। 

पुकार ग्रुप ने यहाँ पर पोधे लगाये और साथ ही प्लास्टिक की बोटल भी साथ में रखी इसी के साथ में पोधे के चारों तरफ कांटे लगाकर पोधे को सुरक्षित किया। 

इस रविवार पुकार ग्रुप के सदस्य पंकज खण्डेलवाल, तरुण खंडेलवाल, हसमुख जोशी, तनिष्क जोशी, गौरव तलदार, कमलेश कलाल आदि लोग मौजूद थे।

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