सुकन्या खाता : भामाशाह कर रहे कन्यादान, वागड़ में 21,000 खाते खुद राशि देकर खुलवाए
कुछ भामाशाह अपने दान काे देकर भूल जाते है, वहीं कुछ भामाशाह अपने दान से लड़की के सुकन्या खाता काे खाेलकर उस परिवार काे कन्यादान तक का प्रोत्साहन दे रहे है। डूंगरपुर-बांसवाड़ा में कर्नल सुशील कुमार जाे दक्षिण क्षेत्र के पाेस्ट अधीक्षक है। उनकी ओऱ् से सुकन्या याेजना काे अभियान के रूप में शुरू किया गया है। इस अभियान में सिर्फ प्रोत्साहित करके किसी एक बेटी का सुकन्या खाता खुलवाकर गिफ्ट देना
अभियान ने पिछले छह माह में इतना असर दिखाया है कि करीब 21 हजार खाते इस काेराेना काल में खुल गए है। लाेग कन्यादान के इस रूप काे पंसद कर रहे है। किसी भी अर्थिक रूप से कमजाेर परिवार में बेटी के अच्छे भविष्य के लिए सुकन्या खाता खुलवाया जा रहा है। इसके लिए पाेस्ट मास्टर या स्टाॅफ संबंधित से सारे दस्तावेज लेने के बाद 250 रुपए भामाशाह से ले रहे है।
कई भामाशाह तो खुदआगे आकर 100 कन्याओं का खाता खुलवा रहे है। जिससे वाे परिवार कुछ बचत करके उस खाते में पैसा जमा करा सके। इसमें सरपंच, पाेस्ट ऑफिस स्टाॅफ, आसपुर विधायक गाेपीचंद मीणा, सेवानिवृत शिक्षक सहित कई लाेग धीरे-धीरे आगे आ रहे है।
सुकन्या याेजना : केंद्र सरकार की इस याेजना में सिर्फ बेटियाें का खाता पाेस्ट आफिस और बैंक में खुलता है। पाेस्ट अाॅफिस में यह खाता 250 रुपए के न्यूनतम बैलेंस में खुलता है। इस पर चक्रवर्ती ब्याज दिया जाता है। जाे कि केंद्र सरकार की ओर से हर वर्ष तय हाेता है। खाते में लड़की के 21 वर्ष तक पैसा जमा करा सकते है। इसमें 18 वर्ष की आयु हाेने के बाद पैसा निकलने का अधिकार हाेता है। इसमें आयकर 80 सी के तहत छूट भी देय हाेती है
गामड़ा अहाड़ा से शुरू हुआ अभियान 100 बालिका का खाता खोला
डाकघर अधीक्षक एनएल कुम्हार ने बताया की सुशील कुमार के प्रोत्साहन से गामड़ी अहाड़ा के पाेस्ट मास्टर लालचंद प्रजापत ने अपने क्षेत्र की करीब 100 गरीब निर्धन बालिकाअाें के 250 रुपए के हिसाब से सुकन्या खाता खाेला। शुरुअात समय में उन्हें खाता खाेलते समय अभिभावक काे इसके उद्देश्य अाैर सार्थकता पर सवाल उठाने लगे। खाता खुलने के बाद अब उनकी माता अपनी बचत के हिसाब से पैसा जमा कराने लगे है। इससे अब उन्हें इसका लाभ हाेने लगा है।
विधायक गाेपीचंद भी आगे आए : विधायक गाेपीचंद ने अपने विधानसभा क्षेत्र में इस नवरात्रि में 100 खाते खुलवाने के लिए सहमति जताई है। इसके लिए पहली किश्त जमा उनके दी जाएगी। इसके अलावा हर साल इसी संख्या के आधार पर बेटियाें के खाते खुलवाने में अर्थिक मदद की घाेषणा की है।