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अनंत चतुर्दशी के दिन वागड़ में अंनत सूत्र बांधने की अनूठी परंपरा है

Banswara
अनंत चतुर्दशी के दिन वागड़ में अंनत सूत्र बांधने की अनूठी परंपरा है
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कंटेंट- दीपेश मेहता/फोटो. नीतेष भावसार

अनंत चतुर्दशी के दिन वागड़ में अंनत सूत्र बांधने की अनूठी परंपरा है। दरअसल अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है। इस दिन पूजा के बाद 14 गांठें बनाकर अपने बाजू पर धागा बांधा जाता है। स्त्रियां दाएं हाथ और पुरुष बाएं हाथ में अनंत सूत्र धारण करती हैं। मान्यता है कि अनंत सूत्र पहनने से सभी दुख और परेशानियां दूर होती हैं। ये 14 गांठें हरि द्वारा उत्पन्न 14 लोको चौदह लोको तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी की प्रतीक हैं। इसका उल्लेख अग्नि पुराण में मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अनंत चतुर्दशी के व्रत को 14 साल तक लगातार रखने पर मनुष्य को विष्णु लोक की प्राप्ति हो जाती है।पूजा का मुहूर्त : 12 सितंबर को सुबह 06.18 से 9.24 बजे तक लाभ, 10.56 से 12.29 बजे तक शुभ और शाम को 3.34 से 6.39 बजे तक चर व लाभ है। 13 सितंबर की सबुह 07 बजकर 17 मिनट तक चर्तुदर्शी रहेगी।हर राशि के लिए अलग रंगमेष एवं वृश्चिक राशि वाले : सफेद रंग की अनंत (डोरी ) बांधें। वृषभ, कर्क एवं तुला राशि वाले : सफेद रंग की अनंत (डोरी) बांधें। मिथुन एवं कन्या राशि वाले : हरे रंग की अनंत (डोरी) बांधें। सिंह राशि वाले : गुलाबी रंग की अनंत (डोरी) बांधें। धनु एवं मीन राशि वाले : पीले रंग की अनंत (डोरी) बांधें।

विशेष योग : 30 साल बाद इस बार दो दिन रहेगी चतुर्दशीभाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस बार दो दिन चतुर्दशी है, लेकिन विसर्जन गुरुवार को ही होगा। इस चतुर्दशी पर 30 सालों के बाद धनिष्ठा नक्षत्र का विशेष योग बन रा है। ज्योतिषाचार्य डॉ. मुरलीधर पंड्या ने बताया कि इस बार चौदस की वृद्धि हुई है, भाद्र पद मास और धनिष्ठा नक्षत्र ये लंबे समय के बाद आ रहा है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनेक रूपों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। भगवान विष्णु का दूसरा नाम अनंत देव है। इस साल अनंत चतुर्दशी का व्रत 12 सितंबर यानी गुरुवार को रखा जाएगा।

अनंत चतुर्दशी पर वागड़ में बांधते हैं 14 गांठों का अनंत सूत्र, मान्यता: दूर होती हैं परेशानियांमिट्टी की मूर्तियों का घर में करें विसर्जन, फोटो हमें भेजेभास्कर का विनम्र आग्रह है कि मिट्टी से बनी मूर्तियां घर में ही विसर्जित करे। मिट्टी से बनी मूर्तियां घरों में ही विसर्जित कर 8696722770 वाट्सएप नंबर पर फोटो भेज सकते हंै। चुनिंदा फोटो भास्कर में प्रकाशित किए जाएंगे।

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