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कृष्णा का घर बाग-बाग...बोतल-टायर में उगा दिए 2000 पौधे

Banswara
कृष्णा का घर बाग-बाग...बोतल-टायर में उगा दिए 2000 पौधे
@HelloBanswara - Banswara -

मुस्कुराती धरती का अर्थ समझना है तो कृष्णा दायमा के घर चले आइए। यहां सबकुछ मुस्कुराता और हरा-भरा ही दिखेगा। इनके घर की दीवारें न तो रंग-बिरंगे आर्टिफिशियल कलर से रंगीन मिलेगी और न ही सीमेंट का प्लास्टर...। 250 से भी ज्यादा हरे-भरे पौधों की दीवारें ही दिखेंगी। घर के बाहरी परिसर में 2000 से ज्यादा औषधीय पौधे मिलेंगे। कृष्णा दायमा खुद नौवीं पास है। दिलचस्प यह है कि पौधों को लगाने के लिए गमले नहीं, बल्कि ऑइलपेंट के डिब्बे, प्लास्टिक की बाेतल, मग और टायर सरीखे वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है। घर के परिसर में ही एक बगीचा तैयार किया गया है, जिसमें 40 से भी ज्यादा प्रजातियों के पेड़ तैयार किए गए हैं।

कृष्णा दायमा


कुछ नया...लोग यहां पार्टी करने के लिए आने लगे हैं
कृष्णा का ईकोफ्रेंडली घर शहर से महज 6 किमी दूर भापाैर ग्राम पंचायत के वडलीपाड़ा गांव में है। वे बताते हैं कि एक हैंडीकैप महिला के यहां बगीचे की सार-संभाल का काम करते हैं। यहीं से उन्हें प्लांटेशन का आइडिया मिला। 4 साल पहले कृष्णा वहां से अलग-अलग प्लांट की कलम अपने घर लाए और इन्हें तैयार करने लगे।


खास बात...40 से ज्यादा प्रजातियों के पौधे
अब कृष्णा के घर पर एलाेविरा, नागफनी, कैट्स, चंपा, चमेली, सूरजमुखी, हेज सरीखे 40 से ज्यादा प्रजातियों के पेड़-पाैधे हैं। इसके अलावा घर से सटे 7 बीघा में 250 नींबू, 40 आम, 10 चीकू, 15 कटहल, 7 नारियल और 2 शेतूज के पेड़ भी उगाए हैं। चारों तरफ हरियाली से घिरे इस घर काे देखने और बगीचे में घूमने के लिए अब लाेग भी यहां आने लगे हैं।


वेस्ट से बेस्ट...तेल के डिब्बे, टायर, पानी की बाेतल और मटकों के बनाए गमले
कृष्णा दायमा जब बड़ी संख्या में गमले नहीं खरीद पाए ताे उन्हाेंने अपने आस-पास के वेस्ट चीजाें से ही गमले बनाना शुरू कर दिया। कृष्णा के घर में तेल के डिब्बे, टायर, पानी की बाेतल, ऑइल पेंट और मटकाें के गमले बनाए हैं। इन्हें आकर्षक लुक देने के लिए लाल रंग में पेंट किया है। उन्होंने टायर में भी ऑफिस टाइम वाले पौधे लगाए हैं।

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