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अरथूना के डोबापाड़ा गांव में फिर दो युवकों को बच्चा चोर समझकर पीटा

अरथूना के डोबापाड़ा गांव में फिर दो युवकों को बच्चा चोर समझकर पीटा
@HelloBanswara - -

पालोदा में शुक्रवार को महिला के भेष में बच्चों को अगवा करने की घटना के बाद ऐसी पूरी गैंग होने की अफवाह थमने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को जहां 9 निर्दोष लोगों के साथ लोगों ने भीड़ का फायदा उठाते हुए मारपीट की। वहीं रविवार को अरथूना थाना क्षेत्र में भी इसी प्रकार के संदेह के आधार पर दो युवकों के साथ मारपीट की और वाहन पर पथराव कर दिया गया। जिसके बाद उलाई निवासी अमृत पुत्र प्रताप और गटु पुत्र कल्लू ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। अरथूना थानाधिकारी हरिशंकर कटारा ने बताया कि दोनों प्रार्थी अपने घर से डोबापाड़ा बहन के घर जा रहे थे। बीच में पतेला के पास स्थानीय निवासी नटवर पुत्र शंभू और प्रभू पुत्र भाणजी ने उनकी गाड़ी पर पत्थरों से हमला कर दिया। जैसे तैसे वहां से निकले और डोबापाड़ा जा में मुकेश जैन की दुकान के आगे दोनों आरोपी पीछा करते हुए पहुंचे और रोक लिया। यहां पर गाड़ी से उतारकर मारपीट की। आरोपियों ने उन्हें बच्चा चोर कहा और मारने लगे। तभी वहां पहुंचे कुछ लोगों ने पीडितों को पहचान लिया और छुड़ाया। थानाधिकारी ने बताया कि प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं थानाधिकारी हरिशंकर ने बताया कि बच्चे पकड़ने अाए हैं एेसी अफवाह फैलाने वाले व्यक्ति गामड़ी नारायण निवासी दिलीप पुत्र धुलजी पाटीदार काे काफी समझाइश की, लेकिन वाे नहीं माना। एेसे में उसे अफवाह फैलाने अाैर शांतिभंग के अाराेप में गिरफ्तार कर लिया गया है।  

बच्चा चोर जैसा कोई गिराेह नहीं, अफवाह में किसी को पीटा तो होगी जेल: एसपी  
शनिवार को हुई घटना के बाद रविवार को एसपी केसरसिंह ने मीडिया के माध्यम से कहा कि बांसवाड़ा जिले में किसी भी प्रकार से बच्चा चोरी की कोई घटना नहीं हुई है। पालोदा की घटना में भी महिला ने पूछताछ में बच्चा चोरी की घटना से इंकार किया। ये महज अफवाहें हैं, जिस कारण माहौल बिगड़ने के साथ गरमा जाता है। एसपी ने कहा कि जिले में आज तक ऐसी कोई घटना नहीं हुई है और ना ही ऐसी घटना होगी। सुरक्षा के लिए पुलिस कटिबद्ध है। जिले में बच्चे सुरक्षित है। पुलिस अधीक्षक शेखावत ने बताया कि जिले में बच्चा चोर गिरोह के घूमने जैसी बात में कोई सच्चाई नहीं है. यह केवल अफवाह है, जिस पर आमजन को ध्यान नहीं देना चाहिए. शनिवार की घटना के बारे में जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सदर थाना क्षेत्र में 6 लोग मारपीट के शिकार हुए थे। जबकि, लोहारिया थाना अंतर्गत भीमपुर में फेरी लगाकर अपने सामान बेचने वाले तीन लोगों को बच्चा चोरी की आशंका में लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। एसपी ने बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह और भीड़ द्वारा की गई मारपीट की घटना को लेकर रविवार को जिले के सभी थानाधिकारियों की पुलिस लाइन में आवश्यक मीटिंग बुलाई, जहां घटना के संबंध में चर्चा कर कार्रवाई के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। साथ ही संबंधित थानों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा की। इसके अलावा मीटिंग में छात्रसंघ चुनाव, सीएमओ में एसपी की मीटिंग, विभाग में रिपोर्टिंग सिस्टम, रात्रिकालीन गश्त, थाने में रेप, पोक्सो, महिला अत्याचार, हत्या की पैंडेंसी पर समीक्षा की।  

घटना के वीडियो के आधार पर केस दर्ज, 5 को पाबंद कर छोड़ा  
शनिवार को चिड़ियावासा और डांगपाड़ा में बच्चा चोर गिरोह समझकर निर्दोष लोगों के साथ बेरहमी से मारपीट करने के मामले में पुलिस ने सख्त रूप अख्तियार किया है। पुलिस के मुताबिक दोषियों को बख्क्षा नहीं जाएगा। सीआई बाबूलाल मोरारिया ने बताया कि हम घटना स्थल पर बनाए गए वीडियो के आधार पर लोगों की पहचान कर रहे हैं। मारने वाले लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब तक करीब 5 से 7 लोगों को चिह्नित किया गया है। इसमें और भी अधिक लोग शामिल हैं। सोमवार तक सभी को नामजद कर दिया जाएगा। इधर भीमपुर में मारपीट की घटना में लोहारिया पुलिस ने जिन 5 आरोपियों युवक प्रफुल्ल जैन, नितिन जैन, मनीष वैष्णव, पुष्पेंद्रसिंह, जगजी पाटीदार को नामजद कर शांतिभंग में गिरफ्तार किया। उन्हें एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया। वहां से पाबंद कर जमानत पर छोड़ दिया गया है। गौरतलब है कि अफवाह के चलते भीड़ ने डांगपाड़ा में 3, सुंदनी में एक साधु और भीमपुर में 3 जनों से भीड़ ने मारपीट कर कपड़े फाड़ दिए। घटना के बाद पुलिस ने लोहारिया में 5 को गिरफ्तार किया। वहीं लोहारिया और सदर थाने में बलवा, मारपीट और वाहन को नुकसान पहुंचाने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। गौरतलब है कि पालोदा में हुई घटना के बाद से जिले में बच्चा चोर गिरोह को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैल रही है।  

अब बचाव के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय तक लगा दिए फोन  
निर्दोष लोगों के साथ मारपीट करने वाले आरोपी अब पुलिस कार्रवाई से डरे हुए हैं। इस कारण बांसवाड़ा का यह मामला न सिर्फ स्थानीय स्तर पर बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुका है। बताया जा रहा है कि इन आरोपियों द्वारा अपने बचाव के लिए स्थानीय नेताओं और विपक्ष के बड़े कद्दावर नेताओं के साथ-साथ मुख्यमंत्री कार्यालय तक धोक लगाई जा रही है, ताकि कार्रवाई से बचा जा सके। लेकिन पुलिस इस मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई बरतने के पक्ष में दिखती नजर नहीं आ रही। पुलिस सख्त हो गई है। गौरतलब है कि प्रदेश में मॉब लिचिंग के मामले में बढ़ने के बाद से प्रदेश सरकार इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कटिबद्ध भी है और स्वयं सरकार ने इसके खिलाफ कड़ा कानून भी बनाया है। जो भीड़ का फायदा उठाकर मारपीट करते हैं। 

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