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सामाजिक सरोकार से जुड़े शहर के हरिओम ग्रुप की स्थापना के 3 वर्ष पूर्ण, नन्हे कदमो को चप्पल वितरण

सामाजिक सरोकार से जुड़े शहर के हरिओम ग्रुप की स्थापना के 3 वर्ष पूर्ण, नन्हे कदमो को चप्पल वितरण
@HelloBanswara - -

Banswara April 24, 2018 -  रा.बा.उ.प्रा.वि. चन्दु जी का गढा में हरि आेम ग्रुप बांसवाड़ा की ओर से पंचायत की पांचों राजकीय विद्यालयों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को चप्पल वितरित किये गये।

समय-समय पर सामजिक सरोकार से दाम्पत्य बनाए रखने की मिसाल पेश करते हरि ॐ ग्रुप के 3 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्षय में रा.बा.उ.प्रा.वि. चन्दु जी का गढा में आभाव वश अपने पेरों को सुरक्षित न करने का दर्द इन कोमल मन के बच्चो को जो महसूस होता है| उसी दर्द को हरि ॐ ग्रूम ने महसूस कर 300 पदवेश (चप्पल) वितरित किए|

ग्रुप के संयोजक मांगीलाल तेजंग ने बाताया कि चप्पल वितरित करते समय इन के चेहरे पर जो आभास महसूस किया वह हमको हमारे बचपन के करीब ले आया| जो कुछ पल बचपन के थे वो भी याद आये|

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य/PEEO संजय गुप्ता ने की। मुख्य अतिथि हरि ओम ग्रुप के संयोजक मांगीलाल तेली व विशिष्ट अतिथि विजय महावर, भरतचन्द्रिका राव, मनोज श्रीमाल, नीरज पाठक, यशवंत पण्ड्या, गोपाल ललवानी, लक्ष्मण यादव, अतीत गरासिया, अम्बा मईडा, सुनील मीणा, वीरेंद्र कुमावत, रोहित तलवाडिया, मनमन्दिर शास्त्री, नयना जैन थे।
सरस्वती वंदना से प्रारंभ हुए कार्यक्रम में लगभग 300 बच्चों को अतिथियों द्वारा चप्पल वितरित किये गये। 

स्वागत उद्बोधन स्थानीय विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शशिकला कटारा ने दिया।
मुख्य अतिथि महोदय ने छात्रों से पढ़ लिख कर अपने विद्यालय, माता-पिता व गाँव का नाम रोशन करने का आह्वान किया। 
अध्यक्ष द्वारा चप्पल वितरण में गरीब तबके के छोटे-छोटे बच्चों को शामिल करने के कारण हरि ओम ग्रुप की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस ग्रुप द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण के भी कई कार्य किए जा रहे हैं। 
इस अवसर पर राजेन्द्र द्विवेदी, रामलाल यादव, छगनलाल तीरगर, अंजु रामावत, हेमंत उपाध्याय, शांतिलाल गायरी, नवीन मीणा, हेमा जोशी, प्राची शुक्ला, गलाब गायरी सहित कई ग्रामीण जन भी मौजूद थे। 
कार्यक्रम का संचालन देवशंकर मेहता ने किया। आभार प्रदर्शन अंजु रामावत ने किया।

ग्रुप के इस सरोकार को देख किसी लेखक की कुछ बात याद आई जिसकी हँसी की चहक से,
गूँज उठा ये घर सारा।
जिसकी प्यारी मुस्कान से,
गूँज उठा ये जीवन हमारा,
हा वो नन्हे कदम ही थे जो,
अब पदवेशो को मील के सहारा बन जाएगी इन मासूमों के जीवन की धारा।

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