धर्म के नाम पर जाती पंत संप्रदायवाद को मिटाने के लिए वाल्मीकि आश्रम पर संत संगोष्ठी
Banswara November 11, 2018 - प्रतापगढ़ -सजय़ आमली घाटी वाल्मीकि आश्रम पर आश्रम के संस्थापक मांगीलाल निनामा द्वारा संत संगोष्ठी का आयोजन रखा गया | आयोजन का मकसद अपने देश में धर्म के नाम पर चल रहे जाती पंत संप्रदायवाद को जड़ से मिटाना है।
आयोजन के मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय कल्कि विश्व अहिंसा परमोधर्म मानव सेवा संस्थान के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष कल्कि विश्व धर्म रक्षक कैलाश मोहन और बेणेश्वर धाम के वाल्मीकि आश्रम के महंत थानुनाथ महाराज का कैलाश नाथ, मांगीलाल निनामा, शांतिलाल, लक्ष्मण, अभिषेक,के साथ सभी साधु संतो एवं भक्तो ने स्वागत किया।
आयोजन में कैलाश मोहन ने अपने संबोधन में युग परिवर्तन के बारे में बताते हूएयुगानुसार भारत की पावन भूमि पर राजस्थान प्रांत के वागड़ अंचल के बाँसवाड़ा शहर में अंतरराष्ट्रीय कल्कि सतयुगी धर्म की स्थापना के बारेमें बताया। साथ ही विश्व धर्म रक्षक ने बताया कर्म भूमि पर मनुश्यों के लिए सत्कर्म और सेवा से बड़ा और कोई धर्म नहीं है। सभी मनुष्यों को अपने हृदयस्थ एक ही निराकार ईश्वरीय शक्ति को जानने की जरूरत है, साथ ही कल्कि अवतार के संदेशो से अवगत कराते हूए बताया कि ईश्वर और धर्म के नाम पर सभी मनुष्यों को समभाव रखना चाहिए हम सब एक है सबका मालिक एक जिओ और जीनेदो सबकी सेवा सब से प्यार ही मानव धर्म है।
महंत थानुनाथ ने अपने सभी भक्तो को दिपावली और नवीन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देते हूए अपने सभी भक्तो को नव वर्ष में नवयुग निमार्ण केलिए ईश्वरीय कार्य में सहभागी बनने को कहा। आयोजनमें संत सिद्धनाथ महाराज, देवनाथ महाराज, धननाथ महाराज, मगननाथ महाराज, खड़ेश्वर महाराज अपने भक्तो के साथ मोजूद रहे।