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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस व विवाह समारोह पर बेटी बचाओ-वृक्ष लगाओ-आयुर्वेद अपनाओ का संदेश

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस व विवाह समारोह पर बेटी बचाओ-वृक्ष लगाओ-आयुर्वेद अपनाओ का संदेश
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सम्पूर्ण राजस्थान में विवाह  समारोह में वृक्षारोपण सम्भवतः प्रथम आयोजन 
विवाह समारोह में औषधीय वृक्षारोपण के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश 
आयुर्वेद हमारे परिवार की परम्परा उसी को आगे बढाने का संदेश-दुल्हन 
कार्यक्रम से प्रभावित हो कई व्यक्तियो ने मांगलिक कार्यक्रमो में वृक्षारोपण का लिया संकल्प 

उदयपुर शहर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस व विवाह समारोह के दौरान वृक्षारोपण का आयोजन कर पर्यावरण संरक्षण,बेटी बचाओ -बेटी पढाओ ,औषधीय वृक्ष लगाओ,आयुर्वेद अपनाओ फिर कन्यादान करो के संदेश के साथ एक अनुठे आयोजन को अंजाम दिया गया।

इस आयोजन के मुख्य सूत्रधार दुल्हन के पिता ,पेशे से वैद्य व समाजसेवी वैद्य शोभालाल औदिच्य ने बताया कि पूर्व में अपने भतीजे विकास के विवाह समारोह के अवसर पर रक्तदान का आयोजन किया था उसमें बहुत से समाजजनो से उत्साह वर्धन व प्रेरणा मिली जिससे परिवार ने पुत्री के विवाह पर वृक्षारोपण का निर्णय लिया व आज हमने 11 तरह के 501 औषधीय वृक्षो को लगाया।

इस अवसर एमपीयूएटी के कुलपति प्रो उमाशंकर शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय परिवार,आयुर्वेद विभाग,वन विभाग व औदिच्य परिवार के सहयोग से परिसर में 501 पौधे लगाये गये है ,उन्होने कहा कि विवाह ही नही और भी किसी भी मांगलिक अवसर पर कोई भी शहरवासी विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कर इस परिसर को आॅक्सीजन हब में विकसित करने में अपना सहयोग दे सकता हैं। 
इस अवसर पर महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के पूर्व कुलपति प्रो परमेन्द्र दशोरा ने बताया कि समाजजीवन में इस तरह के कार्यक्रम न केवल प्रेरणा के स्त्रोत है अपितु हम सभी को समाज व पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियो को एहसास करने का अवसर प्रदान करते हैं।

दुल्हन हेमाद्री ने बताया कि आयुर्वेद हमारे परिवार की परम्परा है मेरी दादी की दादी,दादा,पापा व मैं स्वयं आयुर्वेद विभाग से जुड़ी हूॅ उसी को आगे बढाने का संदेश इस कार्यक्रम में छुपा है ,आयुर्वेद हमारी संस्कृति है हमारा गौरव है अगर आयुर्वेद जीवित रहेगा यह राष्ट्र हर क्षैत्र में अनंत ऊचाॅईया प्राप्त करेगा क्योकि आयुर्वेद केवल रोगो का उपचार नही अपितु एक जीवन शैली हैं।

बेटी है तो कल है बेटी है तो घर घर है 
विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार कविता पाठक ने बताया कि यह एक अदभुत अवसर है कि आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है,एक बेटी का विवाह समारोह है व उसमें वृक्षारोपण जैसा पुनीत कार्य हो रहा है, उन्होने स्वयं पहल करते हुए कहा कि मैं इस आयोजन से बहुत अभिभूत हूॅ व अपने परिवार में होने वाले सभी मंगल कार्यो में इस तरह के सामाजिक कार्यो को जोड़ने का संकल्प लेती हूॅ।

आगामी माह शहर पुनः साक्षी होगा मांगलिक कार्यक्रम में वृक्षारोपण कार्यक्रम का 
कार्यक्रम से प्रभावित होकर नेशनल आयुर्वेद स्टुडेन्टस एण्ड यूथ एसोशियशन के प्रदेशाध्यक्ष वैद्य संजय माहेश्वरी ने बताया कि आगामी माह अपने पुत्र प्रणव दी माहेश्वरी के मुण्डन संस्कार के अवसर पर 21121 गिलोय के औषधीय पौधे पुरे शहर में लगायेंगे।

शहरवासीयो के साथ साथ सम्पूर्ण राजस्थान बना कार्यक्रम का साक्षी 
इस अवसर पर कार्यक्रम में वन विभाग के इन्द्रजीत सिंह मथारू,विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार कविता पाठक,आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक वैद्य बाबू लाल जैन,उपनिदेशक वैद्य पुष्कर लाल चैबीसा,वनौषधि विशेषज्ञ वैद्य भुतिया,ओपी शर्मा ,हिरण थाना प्रभारी डाॅ.हनवन्त सिंह,वैद्य राजीव भट्टृ,नेशनल आयुर्वेद स्टुडेन्टस एण्ड यूथ एसोशियशन के प्रदेशाध्यक्ष वैद्य संजय माहेश्वरी, समाजसेवी केलाश राजपुरोहित,पतंजलि योग समिति के पदाधिकारी व सदस्य गण,सम्पूर्ण राजस्थान से वैद्य व आयुर्वेद प्रेमी जन ,वन विभाग ,आयुर्वेद विभाग व विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी,औदिच्य समाज के गणमान्य समाजजन,कई आयुर्वेद वैद्य व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

ये 11 तरह के औषधीय वृक्ष लगाये 
गुग्गुलु,सप्तपर्ण,लेमन ग्रास,करोंदा,जामुन,अडुसा,हारश्रंगार,अंजीर,अंकोल,सर्पगंधा,मीठा नीम आदि। 

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