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जिम्मेदार कौन ? एमजी अस्पताल में 30 लाख रुपए के ऑक्सीजन प्लांट के लिए बिना स्वीकृति के ही काट दिए 30 साल पुराने नीम के तीन पेड़

Banswara
जिम्मेदार कौन ? एमजी अस्पताल में 30 लाख रुपए के ऑक्सीजन प्लांट के लिए बिना स्वीकृति के ही काट दिए 30 साल पुराने नीम के तीन पेड़
@HelloBanswara - Banswara -

 

एमजी अस्पताल परिसर में शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे 3 नीम के पेड़ काट दिए गए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की टीम यहां करीब 20 पेड़ काटने पहुंची थी। पर, मशीन खराब हाेने के कारण बीच में ही काम छाेड़कर जाना पड़ा। यह नीम के पेड़ पिछले 30 साल से भी अधिक पुराने थे। जाे, ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए काटे गए। एनएचएम ने इसके लिए एमजी अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन से स्वीकृति नहीं ली।


इस मामले में जब पड़ताल की ताे सामने आया कि एनएचएम ने पेड़ाें की कटाई की। इस पर एक्सईएन एनएचएम वीएस डाबी ने बताया कि वह जगह लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट के लिए तय की है। जिसकी पीएमओ ने स्वीकृति दी थी, इसलिए वहां पेड़ाें की कटाई की जा रही थी। जब उनसे पेड़ काटने की अनुमति मांगी ताे उस पर उन्होंने चुप्पी साध ली। एमजी अस्पताल में इससे पहले भी ऑक्सीजन प्लांट के लिए एक बड़े के पेड़ काे काटा जा चुका है।


प्राण वायु देने वाले वृक्षाें की लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट के लिए बलि

...तो शेष 17 वृक्षों की बचाई जा सकती जान
आश्चर्य यह है कि प्राण-वायु देने वाले इन वृक्षों को काट कर इस स्थान पर लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाना तय किया गया। पर्यावरण संरक्षण व पौधरोपण के लिए राज्य सरकार व विभिन्न संस्थान वृहत स्तर पर अभियान चलाती हैं। ऐसे में क्या प्राकृतिक रूप से ऑक्सीजन देने वाले इन 30 साल पुराने वृक्षाें काे काटना ठीक है। ऑक्सीजन के प्राकृतिक स्राेत काे नष्ट करने पर सवाल खड़े हाे रहे हैं। प्लांट के लिए याेजना बनाने के साथ ही भूमि चिह्नत करने के दाैरान चिकित्सालय प्रशासन ने वृक्षाें का ध्यान क्यों नहीं रखा गया? क्या िचकित्सालय परिसर में अन्य स्थान पर प्लांट नहीं लगाया जा सकता था? जहां वृक्ष नहीं हों। इन वृक्षों के बदले अन्य स्थान पर क्या वृक्ष लगाए जाएंगे। प्लांट के लिए कुल एरिया 9 गुणा 17 मीटर की आवश्यकता है। यह प्लांट निश्चित ही राेगाेपचार में बड़ी राहत देगा और गंभीर राेगियाें की जान बचाई जा सकेगी। ऐसे में चिकित्सकीय सुविधाओं के विस्तार के लिए यह अत्यंत जरूरी है। पर, वर्तमान में प्लांट के लिए जो जगह चिह्नत की गई है वहां कुल 20 वृक्ष हैं, जिनकी बलि चढ़ने के बाद यह प्लांट तैयार हाेगा। इसमें से 3 वृक्षों को काट दिया गया। अब भी यहां 17 और वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलना बाकी है। पर, अब भी समय है चिकित्सालय प्रशासन चाहे तो इन वृक्षों की जान बचाई जा सकती है। बदले में यह वृक्ष चिकित्सालय परिसर में बिना किसी लागत और मैंटीनेंस के वर्षों तक आॅक्सीजन देंगे, जिससे न जाने कितने लोग लाभांवित होंगे।


पीएमओ बाेले परमिशन हम नहीं, पटवारी तहसीलदार देते हैं
{जब अस्पताल परिसर में ही अवैध रुप से पेड़ कटाई पर पीएमओ डाॅ. रवि उपाध्याय से बात कि ताे उन्होंने कहा कि परमिशन हम नहीं देते, पटवारी तहसीलदार देते हैं। तहसीलदार राजकुमार सारेल से बात कि ताे उन्होंने बताया कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। सूचना मिलने पर आरआई काे माैके पर भेजा है। वहीं एसडीएम पर्वतसिंह चुंडावत ने भी पेड़ काटने की किसी स्वीकृति देने से इनकार किया है।



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