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डीआईजी की रिपोर्ट; 25 सीसीटीवी के मेंटीनेंस के लिए प्रस्ताव मांगा था, डिप्टी जेलर ने भेजा ही नहीं

Banswara
डीआईजी की रिपोर्ट; 25 सीसीटीवी के मेंटीनेंस के लिए प्रस्ताव मांगा था, डिप्टी जेलर ने भेजा ही नहीं
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जयपुर से रामाकांत को नया डिप्टी जेलर, तीन सिपाही लगाए, फरार दाे बंदियाें काे पकड़ने एमपी व गुजरात जाएगी टीम, 30 घंटे बाद बंदी प्रवीण दोबारा

जांच के लिए पहुंचे डीआईजी कैलाश त्रिवेदी बोले-एस्टीमेंट क्यों नहीं भेजा, जांच होगी
जिला जेल से तीन बंदी भागने में डिप्टी जेलर मानसिंह, कांस्टेबल तरुण मायल, रामेश्वर जाट व उमेश लबाना की गंभीर लापरवाही मानी गई है। शुक्रवार को दौरा करने कोटा जोन डीआईजी जेल कैलाश त्रिवेदी ने माना कि तीन बंदी भागने में गंभीर चूक व लापरवाही रही है। पड़ताल की तो कई खुलासे भी हुए। जेल में 25 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनमें से 10 बंद है और 15 की डीवीआर खराब पड़ी है। जेल विभाग ने सालाना मेंटेनेंस स्कीम (एएमसी) के तहत बांसवाड़ा जेल प्रशासन से सीसीटीवी मेंटेनेंस के लिए बजट के लिए प्रस्ताव मांगा था, लेकिन लंबे समय बाद भी डिप्टी जेलर की ओर से नहीं भेजा गया। भास्कर ने डीआईजी त्रिवेदी से पूछा तो उन्होंने माना कि गंभीर लापरवाही हुई है। इसकी विभागीय जांच कराई जाएगी। वहीं, उन्होंने बताया कि खराब सीसीटीवी कैमरों व डीवीआर को ठीक करवाया जाएगा व नए कैमरों की भी व्यवस्था की जाएगी। तीन बंदी भागने के मामले में लापरवाह डिप्टी जेलर व तीन कांस्टेबल को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है। शुक्रवार को जयपुर से रामाकांत काे नया जेलर नियुक्त किया है। वहीं तीन नए सिपाही लगाए गए हैं। डीआईजी ने कहा कि जेलों में जाब्ते की कमी है, जिन्हें पूरा करने और ओवरक्राउडिंग की समस्या को भी सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। डीआईजी ने कुशलगढ़ सब जेल का दाैरा भी किया।


बैरक की दीवार कमजोर थी, प्रवीण ने मासी के घर चावल खाए, 10 रुपए लेकर पहुंचा था गांव
जिला जेल की बैरक से फरार कमलेश भाबोर व परमेश डामोर का दूसरे दिन शुक्रवार को भी कोई सुराग नहीं लगा। दोनों रतलाम की तरफ भागे हैं। पुलिस ने गिरफ्तार बंदी प्रवीण निनामा को दोबारा जेल भेज दिया है। मास्टर माइंड प्रवीण को 7 जून को ही जेल लाया गया था। जबकि कमलेश व परमेश को 4 जून को जेल भेजा गया था। यहां तीनों ने मिलते ही यहां से भागने की साजिश रची। 2 दिन के भीतर ही इन्होंने जेल का रास्ता देखा और दीवार तोड़कर निकलने की योजना बना ली। तीनों ने दीवार में सुराख करने की साजिश रची तो उन्हें पता चल गया था कि दीवार कमजोर है और थाली को औजार बनाकर इस्तेमाल किया जाएगा तो वह टूट जाएगी। जेल से भागने के बाद बंदी प्रवीण निनामा की दाेनाें बंदियाें से अलग हाे गया। वह भागते हुए जानामेड़ी स्थित अपनी मासी के घर पहुंचा। यहां उसने चावल खाए और मासी से 10 रुपए लिए। उसके परिजन भी चाहते थे कि वह पुलिस की पकड़ में आ जाए, इसलिए परिजनों ने पुलिस को भरोसा दिया था कि वह जैसे ही घर आएगा, पुलिस को सूचना दी जाएगी। पुलिस ने उसके घर के बाहर भी पुलिस टीम नियुक्त कर रखी थी। जैसे ही वह घर पहुंचा, उसे दबोच लिया गया।


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