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जहां खूबसूरती खिलती थी, अब वहां जलकुंभी का खेत

Banswara
जहां खूबसूरती खिलती थी, अब वहां जलकुंभी का खेत
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बांसवाड़ा| प्राकृतिक खूबसूरती का अहसास कराने वाला लोधा तालाब इन दिनों जलकुंभी और गंदगी से अटा पड़ा है। सफाई नहीं हो पाने से तालाब में गंदगी पसरी हुई है। आलम यह है कि हाइवे किनारे इस तालाब में फैल रही बदबू के कारण लोग यहां जाने में भी परहेज कर रहे हैं। कभी साफ-सुथरा रहने, ताजे पानी और परिंदों की कलरव के चलते शहरवासी सुकून पाने के लिए इसी तालाब किनारे आया करते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में हमारी लापरवाही के कारण तालाब की स्थिति बद से बदतर हो गई।

गर्मियों में भी पानी से लबालब रहने वाले तालाब में अब पानी सूख गया है। तालाब का पानी इतना प्रदूषित हो चुका है कि अब इसका पानी पीना तो दूर, नहाने पर भी खुजली होती है। इस तालाब में हर वर्ष बड़ी संख्या में सिंघाड़े की पैदावार होती आई है। पिछले कुछ वर्षों से ये तालाब जलकुंभी की चपेट में है, जिसे हटवाने और तालाब परिसर के सौंदर्यीकरण करवाने के लिए तत्कालीन जिला कलेक्टर के बी गुप्ता ने प्रयास किया था। जिसमें मयूर मिल और जिला परिषद के संयुक्त प्रयासों से विकास कार्यों का नक्क्षा बनवा कर समूचे क्षेत्र को विकसित करने का निर्णय लिया था।

उस मीटिंग के बाद अधिकारी बदलते गए और तालाब विकास की योजना भी कागजों में दफन हो गई। कुछ वर्षों पूर्व जेसीबी से मयूर मिल द्वारा जलकुंभी साफ करवाई गई थी, लेकिन बाद में हालात जस के तस हो गए। वहीं जलकुंभी होने से तालाब के पानी से बदबू आने लगी है, जिसका कारण तालाब में गंदगी अटी हुई है।

शनिवार सुबह संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन की पहल पर लोधा तालाब की सफाई की जाएगी। एडीएम अभिषेक गोयल ने बताया कि लोधा तालाब के सफाई अभियान में सभी विभागों के जिला अधिकारी, कर्मचारी, नागरिक सुरक्षा दल, एनएसएस, एनसीसी कैडेट्स, एनवाईके के स्वयंसेवक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और सदस्यों की सहभागिता रहेगी।

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