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बच्चों की 35 बीमारियों के इलाज के लिए बने डीईआई सेंटर उद्‌घाटन के बाद से बंद, क्योंकि डॉक्टर ही नहीं

Banswara
बच्चों की 35 बीमारियों के इलाज के लिए बने डीईआई सेंटर उद्‌घाटन के बाद से बंद, क्योंकि डॉक्टर ही नहीं
@HelloBanswara - Banswara -

जिले के सबसे बड़े एमजी अस्पताल में 5 साल तक के बच्चों की 35 गंभीर बीमारियों के इलाज लिए वर्ष 2022 में डिस्ट्रिक्ट अर्ली इन्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) खोला गया था। लेकिन तब ये ही यह बंद है। औपचारिकता के लिए इसे सप्ताह में एक दिन के लिए खोला जाता है। क्योंकि इलाज करने वाले डॉक्टर ही नहीं हैं। यहां बच्चों में होने वाली गंभीर बीमारियों जैसे पैरों टेढ़ा होना, मानसिक कमजोरी, बच्चों का देर से रोना, जन्म से कमजोर होना, बहरापन, फिजियोथेरेपी, स्पीच थैरेपी, दृष्टि दोष, दंत उपचार, दिल में सुराख, मानसिक रोग सहित 35 बीमारियों का इलाज किया जाना है।

जन्म से लेकर 5 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के बच्चों की जांच के लिए दो डॉक्टर, स्पीच थेरेपिस्ट, संचालन के लिए डीईआईसी मैनेजर समेत कुल 4 का स्टाफ और कंप्यूटर जैसे अन्य उपकरण भी नहीं हैं। इस सेंटर को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत करीब 20 लाख रुपए में बनाया गया था। हालात यह है कि स्टाफ नहीं होने के कारण सेंटर सप्ताह में महज एक दिन शुक्रवार को ही खोला जाता है।

डीपीएम ललित सिंह झाला का कहना है कि पहले भी सेंटर को शुरू करने के लिए सीएमएचओ की ओर से आदेश जारी किया था। सेंटर में स्टाफ और उपकरण की कमी को दूर करने के लिए अधिकारियों को आदेश जारी किया जा चुका है। ^संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर वे आगे की कार्रवाई करेंगे। उन्हें इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है, लेकिन सेंटर को प्रतिदिन शुरू करना सुनिश्चित किया जाएगा।

-डॉ. हीरालाल ताबीयार, सीएमएचओ

क्या है योजना

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिकित्सकों की टीमें बीमार बच्चों का चिह्नित करने का काम करती है। गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों के उपचार के लिए जिला अस्पताल लाती है। सेंटर में गंभीर बीमार बच्चों को एक ही छत के नीचे सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों से उपचार किया जाना था। इसके लिए डिस्ट्रिक्ट अर्ली इन्वेंशन सेंटर बनाया था, जिसमें सभी रोगों के विशेषज्ञ, चिकित्सकों की देख-रेख में इलाज किया जाता।

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