पोधों के लिए करे मतदान क्यूंकि ये 5 वर्ष नहीं पूरी जिन्दगी हमारे साथ रहेंगे - पुकार
हम हमारे समाज, देश, राज्य आदि के लिए एक लीडर चुनते है जो एक निश्चित समय तक कार्य करता है और फिर हम कुछ समय बाद फिर से चुनते है, पर अगर हम पोधों को चुनते है तो ताउम्र कार्य करता रहता है वो भी बिना कुछ मांगे, बस हमें कुछ समय ही उसका ध्यान रखना पड़ता है, जैसे वो पेड़ बन जाता है वो हमें जीवन देने के लिए हमेशा तत्पर रहता है।
इसलिए पुकार कहता है "पोधों के लिए करे मतदान क्यूंकि ये 5 वर्ष नहीं पूरी जिन्दगी हमारे साथ रहेंगे"
पुकार ग्रुप इसी तरह अपने लगातार अपने 94 रविवार को हाउसिंग बोर्ड में लगाये पोधों की देख रेख की और साथ श्पोयामपुरा जंगल में लगाये गए पोधों की देख रेख करते हुवे उनमे पोधों के साथ रखी बोतलों में पानी भी डाला। जंगल में लगाये गए पोधों की नयी पत्तिय आना शुरू हो गई है और ऐसे इसमें पोधे लगते रहे और साथ में देख भाल होती रही तो आने वाले समय में यह फिर जंगल हो जाएगा जो की अभी हाल फ़िलहाल इसकी स्थिति इतनी अच्छी नहीं है। क्यूंकि ये जंगल ही हमारी ऑक्सीजन की कमी को पूरी कर रहे है, इसलिए जो जंगले बचे हुवे है उनमे जितने भी पोधे लग सके लगाने चाहिए, क्यूंकि अधिकत्तर जगह पर इंसान ने निमार्ण कर लिया जिस कारण पेड़ पोधे खत्म हो गए है और वातावरण दूषित हो गया है। लोगो की माने तो लोग अपनी सुविधानुसार पेड़ पोधे लगाते है, क्यूंकि कई बार देखा गया है घर के बाहर लोग बड़े पेड़ लगाने से कतराते है, क्यूंकि इससे उनके पार्किंग, पत्तों से गन्दगी, जड़ों से घर गिरने का डर आदि होने से। हम लोगो के विचार तो बदल नहीं सकते है पर पुकार ग्रुप ने कई लोगो के विचार बदल कर शहर में घरों के बाहर पोधारोपन किया है और वो कई पोधे बड़े भी हुवे है। इसलिए पुकार ने पुकार ग्रुप ने जंगले को हरा भरा करने का भी अभियान शुरू किया है।
इस रविवार पुकार ग्रुप के सदस्य पंकज खण्डेलवाल, कमलेश कलाल, हसमुख जोशी और तनिष्क जोशी मौजूद थे।