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आज शहर को मिलेगा नया सभापति

Banswara
आज शहर को मिलेगा नया सभापति
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा नगर परिषद के सभापति अाैर नवगठित परतापुर-गढ़ी नगर पालिका के अध्यक्ष काे लेकर स्थिति अाज साफ हाे जाएगी। मंगलवार सुबह 10 बजे दाेपहर 2 बजे तक मतदान का समय है। बांसवाड़ा में कांग्रेस के पास बहुमत (31) से ज्यादा 36 पार्षद जीते है। एक निर्दलीय का समर्थन है। एेसे में कांग्रेस प्रत्याशी जैनेेंद्र त्रिवेदी का जीतना तय है। भाजपा से अाेम पालीवाल उनके सामने है। भाजपा के 21 पार्षद जीते है। उधर परतापुर गढ़ी नगरपालिकाध्यक्ष का मामला फंसा हुअा है। यहां निर्दलीयाें के वाेट पर बाेर्ड बनेगा। यहां कांग्रेस से गोविंद भगाेरा व भाजपा से दिलीप परमार प्रत्याशी हैं। हालांकि राज्य में कांग्रेस की सरकार सहित स्थानीय समीकरण काे देखते कांग्रेस का बाेर्ड बनने की संभावना ज्यादा दिख रही है।

क्रास वोटिंग रोकने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने पार्षदों की बाड़ाबंदी कर रखी है। कांग्रेसी पार्षद उदयपुर से आकर सीधे वोटिंग में शामिल होंगे। वहीं भाजपा पार्षदों का गढ़ी में भाजपा के एक नेता के घर ठहराव कराया गया। वोटिंग से एक दिन पहले जहां कांग्रेस से सभापति के दावेदार जैनेंद्र त्रिवेदी ने बाड़ाबंदी में पार्षदों के साथ क्रिकेट खेला। वहीं भाजपा के पार्षदों क्रॉस वोटिंग की रणनीति में लगे रहे। हालांकि, 36 पार्षदों के साथ बहुमत के लिए कांग्रेस एक तरफा जीतती नजर आ रही है लेकिन क्रास वोटिंग को कोई भी हल्के में नहीं लेना चाहता। यहीं वजह है कि निकाय चुनावों की मतगणना के बाद से पार्षदों की बाड़ाबंदी की गई है। सूत्र बताते है कि दो निर्दलीय भी किसी पार्टी को अपना समर्थन दे सकते है। सभापति की वोटिंग के बाद पार्षदों की फिर बाड़ेबंदी की जाएगी। क्योंकि, अगले दिन उपाध्यक्ष का चुनाव है और दोनों ही पार्टी के कई वरिष्ठ पार्षद दावेदारी कर सकते है। ऐसे में उपाध्यक्ष के चुनाव में भी क्रास वोटिंग को रोकने के लिए पार्षदों को कही और जगह ले जाया जाएगा।
 

निर्दलीयाें में फंसा परतापुर-गढ़ी पालिका का अध्यक्ष पद, कांग्रेस की जीत की संभावना ज्यादा
परतापुर-गढ़ी में मंगलवार काे हाेने वाले मतदान से पूर्व देर रात तक तक भाजपा व कांग्रेस दाेनाें ही दलाें के पार्षदाें काे नजदीक के सुरक्षित स्थानाें पर ले अाया गया। कांग्रेस के पार्षदाें काे बांसवाड़ा में राेका गया है। वहीं,भाजपा पार्षदाें काे सागवाड़ा के निकट ठहराने की तैयारी की है। कांग्रेस व उसके समर्थक पार्षदाें के एक बार सुबह नाै बजे तक नगरपालिका पहुंचने का कार्यक्रम है। बताया जा रहा कि कुछ पार्षदाें की शपथ अभी बाकी है, नियमानुसार अध्यक्ष के लिए मतदान से पहले हाेनी अावश्यक है। शपथ के बाद ही वे मतदान कर पाएंगे। रणनीति के तहत इन पार्षदों काे अध्यक्ष के लिए मतदान के बाद पुन: सुरक्षित स्थानाें पर बाड़ेबंदी के लिए ले जाया जाएगा। दूसरी अाेर, भाजपा की योजना दाेपहर करीब एक बजे अपने पार्षदाें काे मतदान के लिए पहुंचाने की है। मतदान के तत्काल बाद उन्हें भी पुन: बाड़ाबंदी के लिए पहुंचा दिया जाएगा। दाेपहर दाे बजे मतदान समय समाप्ति के बाद मतगणना हाेगी। परिणाम की घोषणा के बाद ही भाजपा व कांग्रेस अपनी रणनीति के तहत उपाध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी का निर्णय करेंगे। बुधवार काे सुबह उपाध्यक्ष के लिए नामांकन के बाद मतदान हाेगा। इसके लिए पार्षदों काे एक बार फिर कड़ी सुरक्षा में मतदान के लिए लाया जाएगा।

निर्दलीय पुनीत पहले बाेले-जाे उपाध्यक्ष बनाएगा उसे वाेट दूंगा, फिर बाेले-परिवार कांग्रेसी, वाेट भी उसे ही
परतापुर/गढ़ी. नवगठित परतापुर गढ़ी नगरपालिका के पहले चुनाव में क्षेत्र की जनता ने भाजपा कांग्रेस किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं दिया। ऐसे में दोनों दल पहली बोर्ड और अध्यक्ष बनाने के लिए एेढ़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। 25 वार्डों वाली नगरपालिका में भाजपा को 11, कांग्रेस को 10 और 4 निर्दलीय चुनाव जीतकर पार्षद बने हैं। ऐसे में बहुमत के लिए भाजपा को 2 और कांग्रेस को 3 का समर्थन चाहिए। 19 नवंबर को परिणाम आए तब से निर्दलीय गरिष्मा, रूबीना बी, हिमांशु मेहता अाैर पुनीत दवे की डिमांड के दावे सामने अाए। वहीं दोनों दल सभी निर्दलीयों को अपना-अपना बताकर समर्थन देने का दावा कर रहे हैं। साेमवार काे निर्दलीय पुनीत दवे ने ये भास्कर के सामना कहा कि जो भी दल उसे उपाध्यक्ष बनाएगा, उसी को वो समर्थन देगा। पुनीत ने बताया कि परिणाम के बाद स्कूल मैदान के बाहर दाेनाें दलाें की गाड़ियां खड़ी थी। मैं चुनाव जीता इसलिए ये लाेग कहीं न कहीं जरूर ले जाते हैं, इसलिए मतगणना केंद्र से चुपचाप निकलकर सुरक्षित स्थान पर चला गया। अभी दाेनाें दल ये दावा कर रहे हैं कि पुनीत हमें समर्थन देगा, ऐसा नहीं है। इधर, पुनीत का कहना है कि मैं विकास को प्राथमिकता दूंगा, किसी पार्टी को नहीं। लेकिन रात वे अपने इस बयान से पलट गए। बाेले- उनका परिवार शुरू से कांग्रेसी रहा है। एेसे में उनका वाेट कांग्रेस काे जाएगा।

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