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तीनों पुल पर पानी नहीं फिर भी नहीं आ रहे भक्त बारिश में तीनों पुल डूबने पर ही दिखता है ऐसा नजारा

Banswara
तीनों पुल पर पानी नहीं फिर भी नहीं आ रहे भक्त  बारिश में तीनों पुल डूबने पर ही दिखता है ऐसा नजारा
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हरेंद्र व्यास. गनोड़ा | बेणेश्वर धाम पर इस समय सन्नाटा है। यहां 300 सालों से भगवान निष्कलंक जो कल्कि अवतार के रूप में पूजे जाते हैं। धाम के पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंद महाराज ने बताया कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब इस धाम पर सन्नाटा है। पहले जब धाम तक पहुंचने के लिए सड़क या पुल नहीं बना था, तब भी लोग नदी को पार करके पैदल आते थे। इसके बाद 3 पुल बने। उन्होंने बताया कि बरसात के समय तीनों ही पुल पानी में डूब जाते हैं। जिसके कारण भक्त यहां पर नहीं पहुंच सकते हैं। लेकिन ऐसा पहली बार है कि तीनों पुल पर पानी नहीं है, फिर भी धाम पर श्रद्धालुओं का आना नहीं हो पा रहा है।
अर्थ: पृथ्वी पर भयंकर प्रकोप होंगे, जिससे नगर बाजार सब सुनसान होंगे। लोगों की लक्ष्मी लूटी जाएगी, लेकिन कोई कुछ नहीं कर पाएगा। हे संतों ऐसा लगता है मानो पाप का समय आया है और धरती मां भोग मांग रही है, जिससे कितने सारे लोग शस्त्र से तो कितने ही रोगों से मरेंगे। जो लोग धर्म और भगवान की भक्ति करेंगे वह ईश्वर के समीप रहेंगे और बाकी सब पृथ्वी में समा जाएंगे।

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धरती माथे रे हेमर, हालसे सुना रे नगरे बाजार। लक्ष्मी लूट से लुकतणि तेनी, बारे रे बोमे देवा रे वारों तो आवयो रे संतो पापनो, धरती मांगे ते भोग। केटलाक खटक से हरसे, केटलाक मरसे रोग देवा रे।।
 

गनोड़ा. बेणेश्वर धाम पर पहली बार छाया सन्नाटा। ड्रोन फोटो. विपुल त्रिवेदी

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