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कलेक्टर की जन सुनवाई के बाद नहीं मिला समाधान:नगर परिषद ने पैराफेरी को दायरे के बाहर बताया

Banswara
कलेक्टर की जन सुनवाई के बाद नहीं मिला समाधान:नगर परिषद ने पैराफेरी को दायरे के बाहर बताया
@HelloBanswara - Banswara -

लोधा ग्राम पंचायत ने खड़े किए हाथ, BDO बोले- विकास शुल्क परिषद लेती है, पृथ्वीराज नगर में घुटनों तक पानी

जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह की जनसुनवाई के बावजूद पृथ्वीराज नगर इलाके की समस्या जस की तस बनी हुई है। करीब 7 साल पहले बसी कॉलोनी में नगर परिषद ने यह कहते हुए विकास काम कराने से हाथ खड़े कर दिए कि यह कॉलोनी पैराफेरी में है। कॉलोनी, शहर के वार्डों में नहीं आती है। इसलिए परिषद यहां काम करने में असक्षम है। दूसरी ओर ग्राम पंचायत लोधा उसकी वार्ड संख्या एक में शामिल इस इलाके को नगर परिषद का हिस्सा बताते बताते हुए पीछे हट रही है। कलेक्टर की जन सुनवाई में निर्देश देने के बावजूद तलवाड़ा BDO अब भी टस से मस नहीं हुए हैं। BDO अब तक भी वर्ष 2014 के वह आदेश को लेकर बैठे हुए हैं, जिसमें स्पष्ट है कि जिन इलाकों में भवन निर्माण की अनुमति और विकास शुल्क परिषद वसूलेगी। उन जगहों पर ग्राम पंचायत विकास के काम नहीं कराएगी। ग्राम पंचायत, परिषद और जिम्मेदारों की इस लड़ाई में करीब 1 हजार की आबादी मूलभूत समस्याओं को लेकर जूझ रही है।
4 बार संपर्क पोर्टल पर शिकायत
पृथ्वीराज नगर की खास समस्या यह है कि इस इलाके में करीब 250 मकान बने हुए हैं। यहां करीब 1 हजार की आबादी रहती है, लेकिन शहर से जुड़े होने के बाद भी इस कॉलोनी में गांव से ज्यादा बद्तर हालात हैं। यहां न नाली है, न ही घरों तक पहुंचने के लिए सड़क की सुविधा है। रात में गलियों और मोहल्ले में अंधेरा पसरा रहता है। रोड लाइट के नाम पर भी कोई सुविधा नहीं है। बरसात के दिनों में यहां पर घुटनों तक कीचड़ की समस्या रहती है। अब बारिश खत्म हो रही है तो गड्‌ढों और गलियों में भरा गंदा पानी बीमारी को न्योता दे रहा है। समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने 4 बार संपर्क पोर्टल पर इसकी शिकायत की, लेकिन हर बार हर जिम्मेदार ने अधिकार क्षेत्र से बाहर का हिस्सा बताते हुए जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर लिए। लोगों का आरोप है कि ग्राम पंचायत खुद यहां पर भवन निर्माण की अनुमति दे रही है।
2 बार SDO ने लिखे पत्र
कलेक्टर की जनसुनवाई में विषय सामने आने के बाद रेवन्यू इंस्पेक्टर (आरआई) ने पृथ्वीराज नगर, जानामेड़ी ग्राम पंचायत लोधा का मौका नक्शा बनाया। रिपेार्ट में आरआई ने क्लीयर किया यह इलाका लोधा ग्राम पंचायत के अधीन आता है। इसके बाद कलेक्टर बांसवाड़ा SDO (सब डिवीज़नल ऑफिसर) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद SDO पर्वत सिंह चूण्डावत ने मामले में 2 बार तलवाड़ा BDO को पत्र लिखे हैं, लेकिन अब तक एक का भी जवाब नहीं दिया गया।

यूं चला कार्रवाई का ढर्रा

  • 19 मई 2014 को नगर परिषद की ओर से खुद के अक्षम होने का पत्र जारी हुआ।
  • 10 अप्रेल 2020 को कॉलोनी के बाशिंदों ने संपर्क पोर्टल पर पहली बार शिकायत की।
  • 03 नवम्बर 2020 को दूसरी बार संपर्क पोर्टल पर शिकायत की।
  • 13 जुलाई 2021 को फिर से कॉलोनी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए संपर्क पोर्टल पर शिकायत की।
  • 11 अगस्त 2021 कॉलोनी के लोगों ने कलेक्टर की जनसुनवाई में हिस्सा लिया। समस्या बताई।
  • 24 अगस्त को भू-अभिलेख निरीक्षक ने SDO को कॉलोनी वस्तु स्थिति की जानकारी दी।
  • 9 सितम्बर 2021 को SDO ने BDO को पहला पत्र लिखा।
  • 23 सितम्बर 2021 को इसके बाद SDO ने BDO को दूसरा स्मरण पत्र भेजा।

BDO के ऐसे बोल
तलवाड़ा BDO रमेशचंद्र मीणा ने बताया कि वर्ष 2014 का एक आदेश है। इसके तहत निर्माण स्वीकृति जारी करने और विकास शुल्क लेने वाली संस्था ही ऐसी कॉलोनी में विकास कार्य करेगी। चूंकि पृथ्वीराज नगर से विकास शुल्क परिषद ही वसूलती है। इसलिए विकास के काम भी परिषद ही कराएगी। ग्राम पंचायत का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

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