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सभापति को सिर्फ वादे पसंद हैं! 2 बजट में 2 बड़ी घाेषणाएं, एक भी पूरी नहीं

Banswara
सभापति को सिर्फ वादे पसंद हैं! 2 बजट में 2 बड़ी घाेषणाएं, एक भी पूरी नहीं
@HelloBanswara - Banswara -

पार्किंग, खेल मैदान व सब्जी मंडी पर खर्च 00, सड़क पर 5 करोड़ में से 1.65 और रोशनी पर 20 लाख में से सिर्फ 4 लाख रुपए खर्च किए

सभापति ने कहा था-ढाई साल बाद फीडबैक लेंगे, अगर अच्छा नहीं रहा तो सामूहिक इस्तीफा देंगे

नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी 12 फरवरी को अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश करेंगे। उससे पहले 6 नवंबर 2019 को उनका एक बयान पढ़ाते हैं। ‘हमारा बोर्ड बनता है, तो ढाई साल बाद जनमत कराएंगे कि हम लोग काबिल हैं या नहीं। अगर जनता कह देगी कि आप लोग काबिल नहीं हो तो हमारा पूरा परिवार इस्तीफा दे देगा।’ उनके इस बयान को 2 साल 3 महीने हो गए हैं। महज 2 महीने ही बाकी है। इस बार सभापति अब तक का सबसे बड़ा 100 करोड़ 22 लाख 88 हजार रुपए का बजट पेश करेंगे, लेकिन इस बजट में शहर को खूबसूरत बनाने के लिए कोई प्लान नहीं है। दैनिक भास्कर ने अब तक के 2 और इस बार प्रस्तुत होने वाले बजट का विश्लेषण किया है। हालात यह है कि 2 साल में बोर्ड आय-व्यय के तय लक्ष्य के अनुपात में 50 प्रतिशत तक भी नहीं पहुंच सका। दर्द की तस्वीरें शहर की सड़कों पर निकलने पर दिखती है। शहर की विभिन्न काॅलाेनियाें की सड़कें टूटी हुई हैं। कभी सीवरेज ताे कभी पाइप लाइन के नाम पर खाेदी गईं सड़कें गड्ढाें में तब्दील हो चुकी हैं। सड़क और पुल पर 5 करोड़ खर्च का प्रावधान था, जिसमें से खर्च का आंकड़ा 40 प्रतिशत तक भी नहीं पहुंचा। वहीं खेल मैदान, पार्किंग, सब्जी मंडी के नाम खर्च का खाता भी नहीं खुल सका। लाइट, नाली-नाले, झील-तालाब में भी कोई खास उपलब्धि नहीं रही। शहर के विकास काे देखें ताे इस बाेर्ड में नगर परिषद परिसर के पास व्यावसायिक काॅम्पलेक्स, माेहन काॅलाेनी में पाथ-वे और मीरा पार्क के जीर्णाेद्धार के सिवाय काेई बड़ा प्राेजेक्ट शुरू नहीं हुआ।

खांदू कॉलोनी और हाउसिंग बोर्ड में जमीन देखी लेकिन नहीं बनाई सब्जी मंडी
बजट 2020-21 : 1.80 कराेड़ रुपए से दाे सब्जी मंडी निर्माण और पुरानी मंडी का जीर्णाेद्धार, सड़कों से हटनी थी ठेलागाड़ियां
सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी ने पदभार संभालने के बाद पहला बजट 6 फरवरी 2020 काे पेश किया था। 84 कराेड़ 16 लाख के पहले बजट में शहर की सबसे गंभीर जाम की समस्या और सड़काें पर ठेलागाड़ियाें से निजात के लिए खांदू काॅलाेनी और हाउसिंग बाेर्ड में नई सब्जी मंडी बनाने की घाेषणा की थी। इसके लिए 80 लाख के बजट का प्रावधान रखा था। पुरानी सब्जी मंडी के जीर्णाेद्धार के लिए 1 कराेड़ के बजट खर्च का प्रावधान रखा था। पर, ये काम नहीं हो सका।


बजट 2021-22 : कुशलबाग मैदान की चारदीवारी और जीर्णाेद्धार पर खर्च होने थे 4 कराेड़ रुपए
काेराेना महामारी में अटके कार्य काे देखते हुए नगर परिषद ने अपने दूसरे बजट में भी कुशलबाग मैदान की चारदीवारी और स्टेडियम निर्माण के लिए 4 कराेड़ रुपए के खर्च का प्रावधान किया था, लेकिन एक साल तक इसके टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हाे पाई है। हाल ही में नगर परिषद से प्राप्त जानकारी अनुसार स्टेडियम के लिए फिर से टेंडर निकाले जा रहे हैं।

नगर परिषद में कांग्रेस बाेर्ड के 3 बजट
{2020-21- आय का लक्ष्य-89.33 कराेड़- हकीकत- 43.36 कराेड़, खर्च का लक्ष्य- 84.16 कराेड़- वास्तविक- 41.44 कराेड़
{ 2021-22-आय का लक्ष्य-100.44 कराेड़- वास्तविक- 44.47 कराेड़, खर्च का लक्ष्य-92.32 कराेड़- वास्तविक- 38.78 कराेड़
{ 2022-23-आय का लक्ष्य 12288.08 कराेड़, खर्च-11059.40 कराेड़


विश्वविद्यालय काे गाेद दिया चाैराहा पहले से भी बदहाल
{नगर परिषद ने पाेस्ट ऑफिस चाैराहा काे जीजीटीयू काे गाेद दिया था। इसके बाद 10 लाख रुपए की स्वीकृति जारी हुई थी। यह चाैराहे अपने पुराने स्वरुप से भी ज्यादा खराब हो गया है। जबकि पूर्व में यहां रंगीन फाउंटेन था।


बजट घाेषणाओं में कितना पिछड़ा शहर
कार्य बजट खर्च
सड़क पुल 5 कराेड़ 1.65 कराेड़
लाइट व्यवस्था 20 लाख 4.07 लाख
नाली नाले 2 कराेड़ 65.55 लाख
गार्डन 1.50 कराेड़ 24.29 लाख
झील-तालाब 1 कराेड़ 3.38 लाख
खेल मैदान 4 कराेड़ 00
पार्किंग 2 कराेड़ 00
सब्जी मंडी 3 कराेड़ 00
सार्वजनिक शाैचालय 10 लाख 5.94 लाख


यह सही है कि कई घोषणाएं अधूरी हैं, महामारी के बाद भी हमनें कई बड़े प्राेजेक्ट शुरू किए : सभापति
 यह सही है कि पिछले बजटों में की गई कुछ घोषणाएं पूरी नहीं हो पाई हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना काल रहा। दो साल आमजन के बचाव और महामारी में उनकी सुविधाओं में बीते। पर, कई बड़े प्रोजेक्ट इस महामारी में शुरू किए हैं। 6 कराेड़ की लागत से पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़क निर्माण का काम शुरू हाे चुका है। 8.5 कराेड़ से काॅम्पलेक्स का निर्माण, स्टेडियम का 1.5 कराेड़ का टैंडर हाे चुका है। कुछ प्रोजेक्ट निदेशालय की स्वीकृति और प्रशासनिक स्वीकृति मिलने में देरी के कारण अटक गए थे, जिसकी अब स्वीकृतियां मिल चुकी हैं। अभी पूरे शहर में सीवरेज का और पेयजल सप्लाई की पाइपलाइन बिछाई जा रहीं है। इस कारण सड़कें खुदी हैं। -जैनेंद्र त्रिवेदी, सभापति, नगर परिषद


वादों की शहरी सरकार नतमस्तक...
{अंबामाता मार्केट- डूंगरपुर राेड पर स्थित 68 दुकानाें काे परिषद द्वारा ताेड़कर नए सिरे से काॅम्पलेक्स निर्माण कर पहली मंिजल पर 68 दुकानें बनाने की घाेषणा बजट में की गई थी, जिसके लिए अनुमानित लागत 2 कराेड़ रुपए थी। पर, आज तक निर्माण के लिए नींव तक नहीं खाेदी गई है।


कमेटियाें का गठन नहीं हुआ, मंत्री-सभापति चला रहे हैं पूरी नगर परिषद : नेता प्रतिपक्ष
 सभापति ने बाेर्ड बनने के बाद कहा था कि शहर का मान बढ़ाएंगे। जनता देख रही है कितना मान बढ़ा। जाे काम हुए महज राजनीतिक और व्यावसायिक दृष्टिकाेण से किए गए हैं। जमीनी स्तर पर जनता के हित, सुख, सुविधा के काेई काम नहीं हुए, क्याेंकि काेई विजन ही नहीं है। सड़कें बदहाल हैं, राेड लाइटें नहीं हैं। दाे मंत्री हाेने के बाद भी कांग्रेस बाेर्ड की यह स्थिति है। सभापति ने नई गाेशाला तैयार करने का दावा किया था, आज तक जगह चिह्नित नहीं कर पाए हैं। दाे साल से परिषद में कमेटियाें का गठन नहीं हुआ। मंत्री और सभापति ही पूरी परिषद चला रहे हैं। ट्रैफिक काे लेकर काेई विजन नहीं है। -आेम पालीवाल, नेता प्रतिपक्ष, नगर परिषद।

सर्वे : सभापति ने मौका नहीं दिया, लेकिन भास्कर दे रहा है
आप बनाइए अपने शहर का बजट नगर परिषद बांसवाड़ा की बजट मीटिंग 12 फरवरी को होगी। नगर परिषद कभी भी जनता से पूछकर फैसले नहीं करती। इसलिए दैनिक भास्कर दे रहा है आपको मौका। क्योंकि-यह शहर आपका है। आप बनाइए अपने सपनों के शहर का बजट। भास्कर के इस सर्वे में भाग लेने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करें।



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