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अंतिम संस्कार के बाद एकत्र कोरोना संक्रमितों की अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित किया जाएगा

Dungarpur
अंतिम संस्कार के बाद एकत्र कोरोना संक्रमितों की अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित किया जाएगा
@HelloBanswara - Dungarpur -
कोरोना के संक्रमण से हुई मौतों को लेकर बांसवाड़ा से ज्यादा डूंगरपुर नगर परिषद संजीदा है। नई पहल के साथ डूंगरपुर परिषद ने अंतिम संस्कार के बाद एकत्र कोरोना संक्रमितों की अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जन करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही ऐसी अस्थियाें की सुध ली जा रही है, जिनका कोई अपना उन्हें लेने श्मशान तक नहीं आया। या फिर ऐसे असक्षम ऐसे परिवार, जो अस्थियों के विसर्जन के लिए हरिद्वार जाने का खर्च वहन नहीं कर सकते। ऐसे परिवार के दो सदस्यों को डूंगरपुर परिषद की ओर से निशुल्क हरिद्वार तक ले जाया जाएगा।

इससे पहले भी परिषद ऐसे परिजनों तक खुद ही अस्थियां पहुंचा रही थी, जो उन्हें श्मशान ले जाने में असमर्थ थे। इसके लिए मिट्टी के कलश में अस्थियों को इकट्‌ठा कर उस पर मरने वाले के नाम की पर्ची लगाई जा रही है। डूंगरपुर नगर परिषद की ओर से महामारी वाले 40 शव का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। खास तो यह है कि डूंगरपुर में कोरोना से हुई मौतों के अलावा सामान्य शवों के अंतिम संस्कार को लेकर भी लकड़ियां निशुल्क मुहैया कराई जा रही हैं। अंतिम मोक्ष यात्रा को लेकर नगर परिषद के सभापति अमृत कलासुआ ने श्मशान का निरीक्षण किया। साथ ही अन्य व्यवस्थाओं के सुधार को लेकर आवश्यक निर्देश भी दिए।

दुनिया से विदाई पर संजीदा
कोरोना संक्रमण के बीच कई परिवार अपनों की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पाए। नगर परिषद की टीम ऐसे शवों की अंतिम विदाई विधिविधान के साथ पूरी कर रही है। जिम्मेदारी यहां खत्म नहीं होती। परिषद कर्मचारी ही ऐसे शवों की अस्थियां भी एकत्र कर रहे हैं। मिट्‌टी के कलश में अस्थियां रखकर उन्हें कपड़े से बंद किया जाता है। मरने वाले के नाम के साथ पर्चियों पर उनके परिवार का पता और मोबाइल नंबर भी अंकित किया जाता है। अब तक कुल ऐसे 25 मामले सामने आए हैं, जिनकी अस्थियों को डूंगरपुर परिषद की ओर से परिजनों तक पहुंचाया गया है। इस काम को नैतिक दायित्व मानकर पूरा किया जा रहा है।

अस्थि कलश पर लगी नाम पर्ची और मोबाइल नंबर का ब्यौरा लेते सभापति।
अस्थि कलश पर लगी नाम पर्ची और मोबाइल नंबर का ब्यौरा लेते सभापति।

परिवारों को संबल
नगर परिषद सभापति अमृत कलासुआ ने कहा कि विपदा काल में परिषद के दायित्व बढ़ जाते हैं। गरीब ऐसे परिवार जो अस्थियों के विसर्जन को लेकर हरिद्वार तक नहीं जा सकते। ऐसे परिवार के दो लोगों को परिषद की ओर से निशुल्क हरिद्वार भेजा जाएगा। यात्रा का पूरा खर्च परिषद की ओर से वहन किया जाएगा। कलासुआ ने यह भी कहा कि अपनों की मौत के बाद परिवार टूट जाता है। ऐसे परिवार को संबल देने के लिए परिषद जिम्मेदारी निभा रही है। ऐसे परिजन, जिन्हें पूर्व में अस्थियां भेजी गई हैं। उनसे भी मोबाइल पर संपर्क कर नई पहल की जानकारी दी जाएगी। लॉकडाउन की समाप्ति या फिर संक्रमण कम होने पर इस जिम्मेदारी को पूरा किया जाएगा।
आयुक्त भी पीछे नहीं
आयुक्त नरपतसिंह राजपुरोहित ने बताया कि 26 अप्रैल से लेकर अब तक नगर परिषद की ओर से 40 से अधिक शवों को कोरोना प्रोटाेकॉल के साथ परिषद कार्मिकों ने अंतिम संस्कार किया है। अस्थियों को सुरक्षित करने के साथ ही परिषद इनके विसर्जन तक की जिम्मेदारी को पूरी करेगी। उन्होंने आम नागरिकों से कोरोनाकाल में सावधानी बरतने के साथ सरकारी गाइड लाइन पालना करने की अपील की है।

बांसवाड़ा की यात्रा बेणेश्वर धाम तक

इधर, बांसवाड़ा नगर परिषद की ओर से ऐसी अस्थियों को एक जून को बेणेश्वर त्रिवेणी संगम में विसर्जित करने का फैसला लिया है। यहां मई के अंत तक ऐसी अस्थियों से जुड़े उनके परिजनों को समय रहते अस्थियां ले जाने की अपील की जा रही है। वागड़ यानी बांसवाड़ा-डूंगरपुर के लिए बेणेश्वर धाम भी धार्मिक संस्कारों के लिए अहम स्थान रखता है।

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