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एक धाम, कई काम: 1 नवंबर को बांसवाड़ा के मानगढ़ आएंगे पीएम, आरएसएस 6 महीने से इसकी तैयार कर रही, पर्यटन-वोट की गारंटी मिलेगी

Banswara
एक धाम, कई काम: 1 नवंबर को बांसवाड़ा के मानगढ़ आएंगे पीएम, आरएसएस 6 महीने से इसकी तैयार कर रही, पर्यटन-वोट की गारंटी मिलेगी
@HelloBanswara - Banswara -

गुजरात बॉर्डर पर पेचवर्क चल रहा, भाजपा मानगढ़ पर किताब लिखवा रहीृ प्रदेश में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले ही मुद्दा बने आदिवासियाें की शहादत स्थली मानगढ़ धाम (बांसवाड़ा) में एक नवंबर काे पीएम नरेंद्र माेदी आएंगे। इससे पहले गुजरात सीएम रहते हुए 10 साल पहले वे मानगढ़ आए थे। मोदी के इस दौरे से पहले ही आदिवासियों पर राजनीति की नई कहानी शुरू हो चुकी है। क्याेंकि- इस दाैरे से न केवल वागड़ और आदिवासी, बल्कि राजस्थान, एमपी और गुजरात से विधानसभा की 99 व लोकसभा की 47 सीटें प्रभावित हाेंगी।

भाजपा मोदी के दौरे को सुपरहिट कराने के मूड में है। दावा है कि 1 लाख से ज्यादा आदिवासी सभा में आएंगे। इसलिए गुजरात सरकार ने तो सड़कों के पेचवर्क शुरू कर दिए हैं। वहीं, राजस्थान से जाने वाली सड़कें टूटी हुई है। पीएम के दौरे को लेकर सबसे ज्यादा बैचेनी कांग्रेस में है। क्योंकि- केंद्रीय मंत्री व आरएएस नेता 6 महीने से इस क्षेत्र में लगातार दौरे कर रहे हैं। इसलिए मानगढ़ काे राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा दिलाने के लिए सीएम अशाेक गहलाेत ने गेंद माेदी के पाले में डाल दी है।

वजह- 10 साल पहले माेदी मानगढ़ पर वनमहाेत्सव के दाैरान कहकर गए थे कि ‘दुर्भाग्य है कि मानगढ़ काे इतिहास में स्थान नहीं मिल पाया।’ इसे मुद्दा बनाने के लिए गहलाेत ने माेदी काे दूसरी बार पत्र लिखकर मानगढ़ काे राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग की। अगस्त में भी पत्र लिखा था। पीएम ने मांग पूरी की तो मानगढ़ में पर्यटन बढ़ेगा। यानी तीनों राज्यों के आदिवासी वोटर्स को लुभाने के लिए यह बड़ा कदम भी होगा। आदिवासियों के दूसरे बड़े केंद्र बेणेश्वर धाम में राहुल गांधी सभा कर चुके हैं। भाजपा मानगढ़ के इतिहास पर किताब भी लिखवा रही है, जिसे देशभर की लाइब्रेरी में रखवाया जाएगा।

गुजरात में इसी साल चुनाव, राजस्थान-एमपी में अगले साल, कुल 99 सीटों पर असर
मानगढ़ राजनीति की दृष्टि से खास क्याें?- मानगढ़ धाम ब्रिटिश सेना की ओर से 1913 में आदिवासी के सामूहिक नरसंहार के लिए जाना जाता है। इसमें संत गोविंद गुरु के नेतृत्व में लगभग 1500 आदिवासियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। यह आदिवासियों की आस्था का बड़ा केंद्र है।

इन्हें आमंत्रण- माेदी की इस सभा में सीएम अशोक गहलोत, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान आमंत्रित हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी और राजस्थान से केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल कार्यक्रम में रहेंगे। राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, गुजरात प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटिल, एमपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी शामिल होंगे।

पीएम मोदी का मानगढ़ कनेक्शन-10 साल पहले आए, गुजरात बॉर्डर पर पहली पक्की सड़क बनवाई थी
पीएम मोदी 10 साल पहले 63वें वन महोत्सव के मौके पर मानगढ़ आए। इसके बाद उन्होंने मानगढ़ हिल्स बनाया।

  • 2004 से पहले मानगढ़ तक जाने के लिए केवल पगडंडी व कच्चा रास्ता था। माेदी ने ही सबसे पहले 2004-05 में डामर सड़क बनाई। (केवल गुजरात वाले हिस्से में)।
  • गुजरात में 15% आदिवासियाें की आबादी है। 27 सीटें आरक्षित हैं। अन्य 50 सीट पर भी हार-जीत में आदिवासियों की भूमिका अहम।
  • 2012 में माेदी ने गुजरात के हिस्से वाले मानगढ़ में पार्क-मंदिर आदि कई काम हुए।
  • राजस्थान में आदिवासी कांग्रेस का पारंपरिक वाेट बैंक है। गुजरात में आदिवासी भाजपा के वाेटर हैं।

राजस्थान की हर सरकार का भी फोकस

  • राजस्थान के हिस्से में 2004-2005 तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने धूणी हाॅल बनाया।
  • 2008-09 में सीएम अशाेक गहलाेत ने यहां स्तंभ बनाया।

पहले कांग्रेस, अब भाजपा का गढ़, लेकिन बीटीपी की चुनौती, राहुल बेणेश्वर जा चुके
बांसवाड़ा में बेणेश्वर धाम और मानगढ़ आदिवासियों के लिए आस्था के लिए प्रमुख स्थान हैं। राहुल गांधी बेणेश्वर धाम एक बार जा चुके। दिसंबर में फिर आने का वादा किया है। इसलिए भाजपा ने मानगढ़ पर फोकस किया है।

  • भाजपा- 2013 के विधानसभा चुनाव में बांसवाड़ा-डूंगरपुर में 9 में से 8 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस एक सीट जीती। बीटीपी के दखल के बाद 2018 में भाजपा को 3 सीटें मिली, 2 पर बीटीपी का कब्जा। कांग्रेस को 2, एक निदर्लीय को मिली। इसीलिए मानगढ़ पर केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल सहित कई भाजपा नेता सभाएं कर चुके हैं। मोदी की सभा की तैयारी हो रही है।
  • कांग्रेस- 2013 से पहले वागड़ कांग्रेस का गढ़ रहा है। तत्कालीन सीएम हरिदेव जाेशी भी वागड़ से ही उतरे थे। वे 10 बार विधानसभा का चुनाव लड़े और हर बार जीते। 2013 में भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ को भेदा। तब से बीटीपी व अब भारतीय आदिवासी ट्राइबल पार्टी भी सामने आ रही है। आम आदमी पार्टी का दखल भी बढ़ रहा है। कांग्रेस लगातार मानगढ़ व बेणेश्वर धाम पर सभाएं कर रही है। दिसंबर में बेणेश्वर पर समारोह में राहुल का दौरा संभावित है।
  • बीटीपी- 2017 में कांग्रेस से गठबंधन। 7 में से 2 सीटें जीती। बीटीपी दाे फाड़ हाेने से बीपीवीएम व भारतीय आदिवासी ट्राइबल पार्टी खड़ी हो चुकी है।
  • बीपीवीएम- बीपीवीएम हाल में वागड़ की राजनीति में सक्रिय हुई है। अगस्त में छात्रसंघ चुनाव से पहले बीपीवीएम ने मानगढ़ में रैली निकाली थी। असर यह हुआ कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर में 15 में से 11 काॅलेजाें में बीपीवीएम के अध्यक्ष चुने गए।

डूंगरपुर से शुरुआत करने वाली बीटीपी ने जिला परिषद में सबसे ज्यादा 12 सदस्य जीते। कांग्रेस 6, भाजपा 8 जीत चुकी। कांग्रेस-भाजपा ने मिलकर जिला प्रमुख बनाया। बीटीपी में फूट पड़ने के बाद अब छात्र संगठन बीपीवीएम ने भी बीटीपी से दूरी बना ली है। पिछले दिनों बीटीपी ने स्टेट कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाकर नई पार्टी बीएपी यानी भारत आदिवासी ट्राइबल पार्टी पर कांग्रेस की पार्टी होने का आरोप लगाया था।

कटारिया ने कहा- मानगढ़ एक नवंबर काे राष्ट्रीय स्मारक बनेगा
पीएम के दौरे से पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मानगढ़ धाम देश का सबसे बड़ा बलिदान देने वाला ऐतिहासिक स्थान है। एक नवंबर को यह राष्ट्रीय स्मारक बनेगा।

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