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अब नॉन टीएसपी की बहुओं को मिलेगा टीएसपी में बेटी का दर्जा

Banswara
अब नॉन टीएसपी की बहुओं को मिलेगा टीएसपी में बेटी का दर्जा
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बांसवाड़ा निकाय चुनाव और आगामी पंचायत चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने बड़ा दाव खेला है, जो है टीएसपी में आरक्षण का। गुरुवार को हुई कैबिनेट की मीटिंग में फैसला लिया गया कि अब नॉन टीएसपी से टीएसपी क्षेत्र में शादी करने वाली महिलाओं को भी टीएसपी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। चुनाव से पहले गहलोत सरकार का यह बड़ा फैसला है। इस निर्णय के पीछे महत्वपूर्ण कारण यह रहा कि टीएसपी एरिया में जो महिलाएं दूसरे राज्य या नॉन टीएसपी क्षेत्र से शादी करके आती हैं, उन्हें आरक्षण और उपयोजना क्षेत्र की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था। इस कारण योग्य और मेरिट में टॉप में आने वाली महिलाएं भी सालों से नौकरी के इंतजार में भटक रही थी। इसे देखते हुए ही सरकार ने महिलाओं को राहत दी है। प्रदेश में फिलहाल सभी तरीके की भर्तियों में टीएसपी को लेकर अलग से आरक्षण की प्रक्रिया तय की जाती है।

पात्र होने के बाद भी नौकरी से वंचित बहुएं : टीएसपी आरक्षण में इस उलझन के कारण नॉन टीएसपी महिला अभ्यर्थियों को रीट नोन टीएसपी मानकर काउंसलिंग के लिए पात्र नहीं माना गया था। बांसवाड़ा जिले में ही शिक्षक भर्ती 2016 और 2018 में चयनित करीब 40 महिला अभ्यर्थियों को भी बाहर कर दिया गया जो गैर टीएसपी क्षेत्र की है। जबकि, वह वर्षों से यहां अपने टीएसपी मूल के ही पति के साथ रह रही है तथा विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र भी दे रही हैं, लेकिन उन्हेें पदस्थापन से बाहर कर दिया है।

हाइकाेर्ट से भी पहले मिल चुकी है राहत - ऐसे ही एक मामले में हाईकोर्ट जोधपुर ने वंदना बनाम आरपीएससी की 2007 में दायर याचिका को स्वीकार कर 23 अक्टूबर,08 को अभ्यर्थी के पक्ष में निर्णय दिया था। वंदना प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूल टीचर की प्रतियोगी परीक्षा 2006 में पास होकर तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए चुनी गईं, लेकिन आरपीएससी ने यह कहकर उसे रिजेक्ट कर दिया कि उसने शादी तो कुशलगढ़ क्षेत्र के सागवा गांव में की है, जाे टीएसपी इलाके का है, लेकिन जन्म यहां नहीं, मध्यप्रदेश के झाबुआ में हुआ है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरपीएससी का निर्णय गलत माना और अभ्यर्थी को पात्र करार देते हुए नियुक्ति देने के आदेश दिए। इसके बूते वंदना अभी सरकारी सेवा में है।

जुलाई 2016 की यह है अधिसूचना चार जुलाई 2016 को राज्यपाल ने जनजाति उपयोजना क्षेत्र के लिए विशेष अधिसूचना जारी की। इसके तहत इन क्षेत्रों में होने वाली सरकारी भर्तियों के लिए 1970 के पूर्व से यहां रह रहे अभ्यर्थी ही पात्र है। इस अधिसूचना से इस क्षेत्र के स्थानीय सभी वर्गों के लोगों को पर्याप्त सरकारी नौकरियों में लाभ मिल रहा है। इसमें यह विसंगति उभर कर सामने आई कि टीएसपी क्षेत्र में ब्याह कर आई गैर टीएसपी की महिलाएं भी अपात्र मानी जा रही थी। प्रदेश के 8 जिले टीएसपी एरिया में आते हैं. जिनमें डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, सिरोही, प्रतापगढ़, पाली, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ शामिल हैं। इनमें से 3 जिलो को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने टीएसपी एरिया में शामिल किया था।

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