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मावजी महाराज के जयकारे लगाते हुए माव भक्त पहुंचे बेणेश्वर धाम

Banswara
मावजी महाराज के जयकारे लगाते हुए माव भक्त पहुंचे बेणेश्वर धाम
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14 फरवरी को साबला हरि मंदिर पर ध्वजारोहण बेणेश्वर महाकुंभ की शुरुआत होगी। 14 फरवरी को माघशुक्ल पंचमी के दिन साबला हरीमंदिर पर ध्वजारोहण किया जाएगा।माघ शुक्ल एकादशी 20 फरवरी को बेणेश्वर धाम राधा कृष्ण मंदिर पर ध्वजारोहण के साथ मेले की शुरुआत होगी। महंत अच्युतानंद महाराज कीओर से सप्तरंगी ध्वजा फहराई जाएगी। इसके साथ ही देशभर से आने वाले श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकीलगाएंगे। सालभर में मृतक अपनेपरिवार के लोगों की अस्थियों कात्रिवेणी संगम में विसर्जन के बादतर्पण अर्पण करेंगे। वहीं मंदिरों मेंदर्शन कर खरीदारी करेंगे। 24 फरवरीको माघ पूर्णिमा के दिन मुख्य मेलाभरेगा। इस दिन साबला से बेणेश्वरधाम तक पालकी यात्रा आकर्षण काकेंद्र रहेगी। महंत की पालकी यात्रा केबाद आबुदर्रा घाट पर शाही स्नानऔर फिर मंदिरों में दर्शन और पूजाअर्चना के कार्यक्रम होंगे। 29 मार्च कोपालकी यात्रा के बेणेश्वर धाम सेवापस साबला पहुंचने के साथ मेलेका समापन होगा।

धर्म सबको जोड़ने वाला है,धर्म रहेगा तो हम रहेंगे

पीठाधीश्वर अच्युतानंद जी महाराज नेधर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहाकि, समय के साथ साथ हमें बदलनापड़ेगा तब ही हम प्रगति की दौड़ में आगेआ पाएंगे। जीवन में जो आपको जिसरूप में जो जिम्मेदारी मिली है उस पर शत्प्रतिशत खरा उतरना है। साथ ही कहा किधर्म सबको जोड़ने वाला है, धर्म रहेगा तोहम रहेंगे अन्यथा नहीं रहेंगे। धर्म की रक्षाकरना सभी का कर्तव्य है धर्म है जो सबहै धर्म नहीं है तो कुछ भी नहीं हैं। पूर्वकैबिनेट मंत्री महेंद्रजीतसिंह मालवीया,सांसद कनकमल कटारा, पूर्व विधायकगोपीचंद मीणा ने भी धर्म सभा मेंसंबोधित किया। संचालन बृजमोहनतूफान ने किया।

बेणेश्वर मेले से ठीक एक माह पूर्व पौष पूर्णिमा पर निकलीपदयात्रा में चार राज्यों के मावभक्त शामिल हुए। पदयात्रा सुबहसाबला के हरिमंदिर से रवाना हुई और बेणेश्वर धाम पहुंची। हरसाल महंत अच्युतानंद महाराज के सानिध्य में पदयात्री निकलतेथे। पर, इस बार महाराज का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से महंतकार से बेणेश्वर धाम की आेर रवाना हुए। जबकि मावभक्त पांचकिलोमीटर का सफर तय कर धाम पर पहुंचे। भक्तों ने त्रिवेणीसंगम में डूबकी लगाने के बाद पूजा अर्चना और देव दर्शन किए।24 फरवरी को बेणेश्वर महाकुंभ भरेगा। 20 फरवरी को बेणेश्वरधाम पर सप्तरंगी ध्वजारोहण के साथ मेले की शुरुआत होगी। पौषपूर्णिमा पर महापदयात्रा में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश आदि राज्यों के भक्त शामिल हुए। यह ​एक दिन पहलेही बुधवार को बेणेश्वर धाम पहुंच गए थे। यहा शिव मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, ब्रह्माजी मंदिर, वाल्मीकि मंदिरों में दर्शनों के बादभजन कीर्तन किए गए। रात को सोम, माही और जाखम नदियों केत्रिवेणी संगम आबुदर्रा घाट पर महाआरती उतारी गई। भक्तों नेत्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाकर मंदिरों में दर्शन किए।

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