Home News Business

53 दिन सबसे लंबा कर्फ्यू... आज कुशलगढ़ के लोग घरों से बाहर निकलेंगे

Banswara
53 दिन सबसे लंबा कर्फ्यू... आज कुशलगढ़ के लोग घरों से बाहर निकलेंगे
@HelloBanswara - Banswara -

काेराेना वायरस की महामारी में संक्रमण से बचने के लिए कुशलगढ़ में लगाया गया कर्फ्यू संभवत: राजस्थान का सबसे लंबा कर्फ्यू है। मंगलवार काे कुशलगढ़ में कर्फ्यू काे रिकाॅर्ड 53 दिन पूरे हाे गए। बुधवार सुबह 54वें दिन लाेग घराें से बाहर निकलेंगे। अब यहां सामान्य लाॅकडाउन 4 के अादेश ही प्रभावी रहेंगे। इसके तहत दुकानें खुलेंगी अाैर लाेग शाम 6 बजे तक घराें से बाहर अावाजाही कर सकेंगे। लाॅकडाउन के नियमाें के तहत शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक लाेगाें के घराें से बाहर निकलने पर राेक रहेगी। काेराेना में सबसे चर्चित रहे भीलवाड़ा में भी 53 दिन तक कर्फ्यू रहा था। यहां 54वें दिन बाजार खुले थे।
चार अप्रैल काे कुशलगढ़ में पिता-पुत्र के पाॅजिटिव अाने के बाद से यहां पूरे कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया था। 14 मई से ज्यादा केस वाले वार्ड 11, 12 व 14 में इसे सीमित किया गया। 26 मई तक यहां लगातार कर्फ्यू रहा। अब सिर्फ कुशलगढ़ के वार्ड 15 में कर्फ्यू रहेगा। इस वार्ड में कस्बे का अाखिरी केस मिला था। यहां 18 मई से कर्फ्यू शुरू हुअा जाे 30 मई तक रहेगा। प्रशासन का मानना है कि कुशलगढ़ में कर्फ्यू की सख्ती की वजह से ही वहां केस कंट्राेल में अाए अाैर संक्रमण ज्यादा नहीं फैला। कुशलगढ़ के सभी 66 मरीज ठीक हो चुके हैं। देश में सबसे लंबे कर्फ्यू का रिकाॅर्ड कश्मीर के नाम है। कश्मीर पंडिताें के विस्थापन के समय 1990 में 175 दिन का कर्फ्यू लगा था।

कश्मीरी पंडितों काे जनवरी 1990 में जम्मू कश्मीर से घर छाेड़ने के लिए कहा गया था। कई कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से पलायन करना पड़ा। उस दौरान कश्मीर में जनवरी से लेकर अागे करीब 175 दिनों तक कर्फ्यू लगा था। यह देश में अब तक का सबसे अधिक दिनों का कर्फ्यू है।

पहले 2006 में कुशलगढ़ के पाड़ी में दंगों के बाद पांच दिन तक लगा था कर्फ्यू
मध्यप्रदेश के प्रभावी नेता की पुत्री को दूसरे समुदाय का युवक भगा ले गया था। इनके कुशलगढ़ क्षेत्र के पाड़ी गांव में होने की आशंका थी। इससे लेकर उपजे विवाद के बाद कुशलगढ़ के कुछ संगठन व पाड़ी गांव के लोग धारदार हथियार लेकर आमने- सामने हो गए थे। उस समय बांसवाड़ा एसपी पद पर डॉ. प्रशाखा माथुर की नियुक्ति हो चुकी थी, लेकिन उन्होंने ज्वाॅइन नहीं किया था। उदयपुर से आईजी राजीव दासोत ने आकर कमान संभाली ली। उस समय कुशलगढ़ में करीब पांच दिन कर्फ्यू रहा था।

बांसवाड़ा शहर के न्यू हाउसिंग बोर्ड में 27 दिनों का कर्फ्यू
न्यू हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र की एक महिला की कोरोना पाॅजिटिव रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन ने 17 अप्रैल को उस क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया था, जो 27 दिन बाद 12 मई की मध्यरात्रि काे समाप्त हुआ। खांदू कॉलोनी में एक सर्राफा व्यवसायी के संक्रमित पाए जाने के बाद उनके निवास स्थान के आस -पास के क्षेत्र में 12 मई से ही कर्फ्यू लगा है। इसी तरह गढ़ी उपखंड क्षेत्र के मेतवाला गांव में भी एक व्यक्ति के कोरोना पाॅजिटिव पाए जाने के बाद 12 मई से कर्फ्यू है।

तीन साल पहले सांप्रदायिक तनाव के कारण शहर में 10 दिनों का कर्फ्यू सबसे बड़ा लगा था
इससे पहले 11 मई 2017 को बांसवाड़ा के कालिका माता क्षेत्र में धार्मिक स्थल को लेकर उपजे विवाद के बाद शहर में कर्फ्यू लगा था। कालूराम रावत ने उसी दिन बांसवाड़ा एसपी का पदभार ग्रहण किया था। आईजी आनंद श्रीवास्तव को उदयपुर से यहां आकर कमान संभालनी पड़ी थी। उस समय शहर में करीब दस दिनों तक का कर्फ्यू लगा था। वर्ष 1986 में देवझूलनी एकादशी पर्व पर अखाड़े से निकलने वाले जुलूस के परंपरागत मार्ग को एन वक्त पर बदलने से तनाव व्याप्त हो गया था। पैलेस रोड पर भैरव चौक के निकट हुई फायरिंग में परतापुर के युवक की मौत हो गई। तब शहर में करीब पांच दिनों तक कर्फ्यू रहा था।

2024 Fun Festiva
शेयर करे

More news

Search
×