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43 डिग्री में श्रद्धालु पहुंचे घोटिया आंबा धाम, भगवान घोटेश्वर के दर्शन कर लगाई डुबकी

Banswara
43 डिग्री में श्रद्धालु पहुंचे घोटिया आंबा धाम, भगवान घोटेश्वर के दर्शन कर लगाई डुबकी
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  • अमावस्या पर मुख्य मेला भरा, वागड़ी लोक गीतों से गूंजा धाम, तीन राज्यों के मेलार्थी पहुंचे

महिलाओं ने घरेलू और शृंगार सामग्री खरीदी। धाम पर साधु, संत, भक्त, कोटवाल आदि भजन कीर्तन करते दिखे। इससे पहले अमावस्या की पूर्व संध्या पर पश्चिम सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के कलाकारों ने लोक गीत व नृत्य की सुंदर प्रस्तुतियां दी, जिसे देखने के लिए सैकड़ों लोग शामिल हुए।

पांडवों के अज्ञातवास स्थल घोटिया आंबा धाम परिसर में लगे मेले में शुक्रवार को हजारों की संख्या में मेलार्थी उमड़े। घोटेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना व दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार दिखी। इसके बाद पवित्र गंगाकुंड में स्नान कर सुख और आरोग्य की कामना की।

मुख्य मंदिर के पास आमवृक्ष धूणी पर धाम के महंत हीरागिरि महाराज और सामने रामगिरि महाराज का श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद लिया। घोटेश्वर शिवालय के गर्भगृह में शिवलिंग, पांच पांडव, माता कंती, भगवान कृष्ण की मूर्तियों का विशेष शृंगार किया गया। घोटेश्वर महादेव का श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।

कुंड से पानी लेने वालों की होड़

सरपंच ललिता रावत व सचिव पंकज पुरोहित ने बताया कि भगवान हनुमानजी और वाल्मीकि मंदिर के प्राचीन कुंड से पवित्र जल अपने घर ले जाने के लिए श्रद्धालुओं कलश व लोटा लेकर खड़े थे। दर्शनार्थियों की यह मान्यता है कि इस गोमुख से पवित्र जल परिवार को पिलाने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है। झालोद के वरसेंग व राजा ने बताया कि गंगा कुंड का जल मवेशियों पर छिड़कने से रोग दूर होते हैं।

केलापानी पर भी मेले सा नजारा

आनंदगिरि ने बताया कि धाम से दो किमी दूर केलापानी स्थज पर भी शुक्रवार को मेले सा नजारा रहा। श्रद्धालु पैदल ही केलापानी पहुंचे और दर्शन का लाभ लिया। मान्यता है कि पांडवों ने वनवास के दौरान इसी क्षेत्र में आकर केलों के पत्तों पर भोजन किया था। यहां गोमुख से बहती जलधारा से पानी लेने के लिए लोगों की भीड़ रहती है।

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