बोर्ड परीक्षा फरवरी में, अतिरिक्त कक्षाओं के बावजूद 30% कोर्स अधूरा, 40 फीसदी गिर सकता है रिजल्ट
बांसवाड़ाराजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सत्र2023-24 के लिए माध्यमिक, उच्चमाध्यमिक एवं प्रायोगिक परीक्षाओं का टाइमटेबल जारी कर दिया है। उच्च माध्यमिक स्तरकी परीक्षाएं 29 फरवरी से तथा माध्यमिकस्तर की परीक्षाएं 7 मार्च से शुरू होंगी। इसबार बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्र आैरशिक्षक गहन चिंता में हैं। कारण, 30 प्रतिशतकोर्स अधूरा है, ऐसे में रिवीजन का तोसवाल ही नहीं उठता। परीक्षा परिणाम गतसत्र की अपेक्षा 40 प्रतिशत तक गिरने कीआशंका है। एक तरफ जहां छात्र अपनेरिजल्ट के गिरने को लेकर मानसिक तनाव मेंहैं। शिक्षकों को तो दोहरा मानसिक तनाव है।रिजल्ट गिरने पर जहां उनकी साख को खराबहोगी वहीं विभाग उनको 17 सीसी कानोटिस थमाएगा। शिक्षकों की मानें तोअक्टूबर, नवंबर यानी दो माह विधानसभाचुनाव में व्यस्त रहने से स्कूलों में कक्षाएं नहींले सके। 18 जनवरी तक करीब 140 वर्किंगडे में से करीब 60 दिन ही स्कूल जा सकेहैं। इसकी वजह से दिसंबर तक अर्द्धवार्षिकपरीक्षाओं में भी 40 प्रतिशत ही कोर्स होसका था। दिसंबर आैर अब तक जनवरी केबीते सभी दिन कोर्स पूरा कराने में गुजर गए,अतिरिक्त कक्षाएं भी ली फिर भी 30 प्रतिशतकोर्स अधूरा रह गया। अब प्रायोगिक परीक्षाएंशुरू हो चुकी हैं, अब कोर्स पूरा कराएं याफिर प्रायोगिक परीक्षाएं कराएं, या फिर जितनाकोर्स करा चुके उसका ही रिवीजन कराएं।
बच्चों को राहत दें: शिक्षक संघ
इधर, शिक्षक संगठनों के अनुसार 10वीं एवं 12 वीं कक्षा के लिए वार्षिकपरीक्षा में 100 प्रतिशत कोर्सआएगा। लेकिन जिले में आैसतनदेखें तो 70 प्रतिशत से अधिक कोर्सनहीं हुआ है। विभाग को वार्षिकपरीक्षा में निर्धारित कोर्स को पूराकरने के लक्ष्य को कम कर देनाचाहिए। जिससे बच्चों को राहतमिले। परीक्षा परिणाम कम होने परनोटिस जारी नहीं करना चाहिए।
सत्र शुरू होते ही शिक्षक प्रशिक्षणों में उलझे, फिर चुनाव ड़्यूटीमें लगे, रिवीजन बाकी और प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू होग गई
इस साल जिले में बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट गिरने कीपूरी संभावना है। क्योंकि सत्र शुरू होने से ही विभाग नेशिक्षकों के कई प्रकार के प्रशिक्षणों में उलझा रखा।साथ ही विधानसभा चुनाव व अन्य विभाग में ड्यूटीलगा दी गई। अगस्त से ही सेक्टर ऑफिसरों कीनियुक्ति के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ। इसकेसाथ ही शिक्षकों को बीएलओ कार्य, बीएलओपर्यवेक्षक बना देने से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई।साथ ही ग्रामीण ओलिंपिक खेलों के कारण भी शिक्षणव्यवस्था प्रभावित हुई। इन सभी कारणों से शिक्षकनिर्धारित विषयों के कोर्स को पूरा नहीं कर सके। इसकेसाथ ही विषयाध्यापकों के पद रिक्त नही होने से भीशिक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई है।