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भाजपा के जिला महामंत्री ने जीवित जसवंतसिंह जसोल को दी श्रद्धांजलि, सोशल मिडिया पर वायरल झूठ को माना सही

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भाजपा के जिला महामंत्री ने जीवित जसवंतसिंह जसोल को दी श्रद्धांजलि, सोशल मिडिया पर वायरल झूठ को माना सही
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प्रतापगढ़। जिले के भाजपा जिला महामंत्री गजेंद्र चंडालिया ने रविवार को एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ को जीते जी श्रद्धांजलि दे दी। जसवंत सिंह का सुमार भाजपा के कदावर नेताओं में होता है वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक वित्तमंत्री रहे थे। 5 दिसम्बर 1998  से 1 जुलाई 2002 के दौरान वे वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री बने। फिर साल 2002 में यशवंत सिन्हा की जगह वे एकबार फिर वित्तमंत्री बने और इस पद पर मई 2004 तक रहे। वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने बाजार-हितकारी सुधारों को बढ़ावा दिया। वे स्वयं को उदारवादी नेता मानते थे। 15वीं लोकसभा में वे दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। वे राजस्थान में बाड़मेर जिले के जसोल गांव के निवासी है और 1960 के दशक में वे भारतीय सेना में अधिकारी रहे। पंद्रह साल की उम्र में वे भारतीय सेना में शामिल हुए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के विरोध में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। उन्हें इस बगावत के लिए छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया था। पहले भी दो बार पूर्व केंद्रीय मंत्री और मालानी के सपूत जसवंत सिंह जसोल के निधन की भ्रामक खबर सोशल ग्रुपो में वायरल हो चुकी है। यह खबर सत्यता से कोसो परे है। पूर्व वित्त, विदेश और रक्षा मंत्री जसवंत सिंह जसोल का स्वास्थ्य स्थिर है और वह स्वस्थ है। प्रतापगढ़ में भी रविवार को जसवंत सिंह जसोल को भाजपा के जिला महामंत्री गजेंद्र चंडालिया ने जीते जी है सोशल मिडिया की पोस्ट के आधार पर श्रद्धांजलि दे दी। चंडालिया काफी लम्बे अरसे से भाजपा से जुड़े हुए है। चंडालिया गुलाबचंद कटारिया गुट से सम्बन्ध रखते के कारण स्थानीय कदावर नेता और पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के विरोधी रहे है। इसी के चलते लम्बे समय तक जिले की राजनैतिक गतिविधियों से दूर थे। इस बार जिला कार्यकारणी में नंदलाल मीणा के गुट का दबदबा नहीं चलने के कारण इन्हे जिला महामंत्री का पद दिया गया है। लेकिन ऐसे पद पर होने के बाद बिना पुष्टि और अधूरी जानकारी के एक वरिष्ठ और दिगज नेता को इनके द्वारा श्रद्धांजलि देने से जसवंतसिंह जसोल को चाहने वाले और उनके प्रशंसकों में भी काफी नाराजगी देखी जा रही है। जसवंत सिंह जसोल के फेसबुक पेज पर भी उनकी मौत की झूठी अफवाओं को लेकर एक पोस्ट जारी की गई है।  

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