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पंचायत पुनर्गठन पर कांग्रेस में फिर गुटबाजी पूर्व विधायक कांता को तवज्जो देने पर गुस्सा

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पंचायत पुनर्गठन पर कांग्रेस में फिर गुटबाजी पूर्व विधायक कांता को तवज्जो देने पर गुस्सा
@HelloBanswara - Banswara -

विधानसभा और लोकसभा चुनाव की भांति अब आगामी पंचायतीराज चुनाव को लेकर भी कांग्रेस में गुटबाजी सामने आने लगी है। विशेष तौर पर गढ़ी विधानसभा क्षेत्र में यह विरोध इस बार ज्यादा ही देखने को मिल रहा है। क्षेत्र के कार्यकर्ता और पुराने नेताओं ने कांग्रेस एसटी सेल के अध्यक्ष और जिला महासचिव जनार्दन पटेल के नेतृत्व में रविवार को जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र यादव और राज्यमंत्री अर्जुनसिंह बामनिया के सामने ही पार्टी के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया। दरअसल बांसवाड़ा दौरे पर प्रभारी मंत्री पंचायत पुनर्गठन को लेकर कार्यकर्ताओं की सुनवाई के लिए रविवार सुबह पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। जहां गढ़ी क्षेत्र के कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में हुए पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर नाराजगी जताने लगे और कहा कि पूर्व विधायक कांता भील ने अपने निजी स्वार्थ को साधने के लिए जिला परिषद के अधिकारियों के साथ मिलकर मनमर्जी से ग्राम पंचायतें और पंचायत समितियां बनाई है। कार्यकर्ताओं ने यहां तक आरोप लगाए कि पार्टी एक ऐसी पूर्व विधायक को ज्यादा तवज्जों दे रही है जो दो बार हार का सामना करना चुकी हैं। कार्यकर्ताओं ने अप्रत्यक्ष तौर पर राज्यमंत्री बामनिया पर निशाना साधा जिनके अधिकांश मंचों पर पूर्व विधायक कांता भील को जगह दी जा रही है। दरअसल प्रभारी मंत्री बांसवाड़ा मुख्यमंत्री के आदेश पर पुनर्गठन की आपत्तियां सुनने आए थे। बैठक में तो शांति रही, लेकिन मंत्री के जाते वक्त कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक पर निशाना साधा। आखिरकार मंत्री को गाड़ी से उतर कर समझाइश करनी पड़ी। बाहरी जिलों में कार्यरत शिक्षकों और नर्सिंगकर्मियों को बांसवाड़ा में वापस लाने की मांग जिला प्रमुख रेशम मालवीया ने प्रभारी मंत्री से की। साथ ही प्रधानों की डिजायर को भी तवज्जों दी जाए।

मंत्री यादव ने कहा- मुझे यहां पंचायत पुनर्गठन में कोई इंटरेस्ट नहीं हैकार से उतरे प्रभारी मंत्री को यहां तक चेतावनी दे दी कि पार्टी को कार्यकर्ता और जनता की ज़रूरत नहीं है क्या। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पूरी पार्टी खत्म कर दी है, विधानसभा में न जनता की सुनी न कार्यकर्ताओं की। हर जगह बस अपनी ही दादागिरी चलाई। कांता भील पंचायत समिति चुनाव में हार चुकी है, दो बार विधानसभा में हार गए। कांग्रेस वाले किसी को चेहरा दिखाने के काबिल नहीं रहे। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह फ्रस्टेशन रहा तो कांग्रेस काम नहीं करेगी पंचायतीराज चुनावों में। हमें भुगतना पड़ेगा यदि ये प्रस्ताव कैंसिल नहीं किए गए तो। सभी ने पंचायतों को यथावत रखने की मांग की। मंत्री यादव ने कहा कि मुझे यहां पंचायत पुनर्गठन में कोई इंटरेस्ट नहीं है। मैंने आपके कागज ले लिए है जो न्याय होगा वो किया जाएगा।

प्रशासन ने भी दिया पूर्व विधायक का साथकार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि प्रशासन भी पूर्व विधायक के साथ है। जिसने जनता की जरा भी बात नहीं सुनी और उल्टी-सीधी पंचायतें बना ली है। जिससे सभी में रोष है। हमारी सरकार आने के बाद भी अगर हमको न्याय नहीं मिलता तो कब मिलेगा। वहीं पूर्व विधायक कांता भील ने कहा कि मुझे इस मामले में कुछ भी नहीं कहना। जो विरोध हुआ, वो मात्र सुर्खियां बटोरने का है। इधर, इस पूरे मामले में कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद मंत्री बामनिया पूर्व विधायक कांता भील के समर्थन में उतर अाए। उन्होंने कहा कि कोई वजूद होगा तभी तो उन्हें विधायक उम्मीदवार के लिए टिकट दिया था। जो भी विरोध करने वाले थे, वो बीजेपी के थे। ये बीजेपी का मैनेज किया हुआ है।

कुशलगढ़ विधायक ने ही कहा- नहीं सुनता प्रशासनसुनवाई के दौरान कुशलगढ़ विधायक रमीला खड़िया ने भी पंचायत पुनर्गठन में प्रशासन के खिलाफ मंत्री के सामने नाराजगी जताई, जिन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा उनकी बात सुनी ही नहीं जाती। इस दौरान कुशलगढ़ के भी कुछ कार्यकर्ताओं ने छोटी सरवा और डूंगरा को पंचायत समिति नहीं बनाए जाने पर विधायक और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई।

गढ़ी विधायक मीणा भी जता चुके है नाराजगीकरीब एक माह पहले पंचायत पुनर्गठन के प्रस्तावों की सूची जारी होने के बाद गढ़ी के भाजपा विधायक भी पुनर्गठन की प्रक्रिया पर नाराजगी जता चुके है। जिन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सहित जिला परिषद की साधारण सभा में तमाम जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कांता भील द्वारा मनमर्जी से पंचायतों को तोड़ने का आरोप लगाया था।प्रभारी मंत्री यादव ने जिला महासचिव को मनाने के लिए कंधे पर हाथ रखा।

बीजेपी का साथ देने का आरोप- जनार्दन पटेलएसटी सेल के जिलाध्यक्ष जनार्दन पटेल ने कहा कि हम हमारी समस्याओं को लेकर प्रभारी मंत्री यादव से बात कर रहे थे तभी कांता भील आई और उन्होंने कहा कि ये तो विधायक कैलाश मीणा के आदमी है, जाओ वो करेंगे सुनवाई। यहां क्यों आए है। पूर्व विधायक नाथू भाई नामांकन भरने गए थे तो पहले मेरे घर आए थे, और ये मैडम ऐसा बोलती है जो खुद जनता दल से आई हुई है। पंचायतों को तोड़कर इन्होंने बहुत परेशान किया है। कांग्रेस एसटी सेल के जिलाध्यक्ष जनार्दन पटेल ने कहा कि एक पंचायत को छोड़कर दूसरे में डाल देना, एक सीमेंट फैक्ट्री को एक पंचायत से दूसरी में डाल देना। गढ़ी से दो किमी दूर मोर ग्राम पंचायत को दूसरी पंचायत समिति में डाल दिया है। पंचायत समिति में हारी हुई महिला ने पूरे गढ़ी क्षेत्र में कांग्रेस खत्म कर दी। प्रभारी मंत्री को हमने कह दिया है कि ऐसे लोगों को आगे किया जा रहा है, जो कांग्रेस को समझते नहीं, कार्यकर्ताओं को कुछ मानते ही नहीं।

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