स्कूल में छात्राओं से कराया रंगरोगन कमरों की धुलाई
सरकार बेटी बचाओ बेटी पढाओ के तहत बालिका शिक्षा के बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही और बालिकाओं को स्कूल बुला रही हैं, लेकिन कई स्कूलों में बालिका शिक्षा को बढ़ाने के बजाय उनसे ही मजदूरी करवाई जा रही है वो भी यह बोलकर की विद्यालय उनके घर जैसा है और घर कि सफाई करना कोनसा गलत है। गुरुवार को एक ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत के बोरखाबर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में देखने को मिला जहां स्कूल प्रबंधन द्वारा 11 वीं कक्षा में पढ़ने वाली 5 से 7 छात्राओं से पानी भरने, कमरों की धुलाई और साथी ही रंगरोगन कराई गई। जबकि रंग रोगन करने के लिए विभाग की ओर से राशि आवंटित की जाती है। स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होने के बावजूद भी बालिकाओं को पढ़ाई के दिनों में काम करवाया जाता है।
इस संबंध में जब छात्रा किरपा, सूबा, उषा से बात की तो बताया कि स्कूल में रंग किया है जिसके बाद कमरे धोने के लिए पानी लेकर जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर छात्रा माया, मनीषा, हातु व रीता सब मिलकर कमरे धो रही है। उन्होंने बताया कि वो कक्षा 11 में पढ़ती हैं। इधर, इस मामले में जब कार्यवाहक संस्थाप्रधान सतीश शर्मा से बात की तो पहले उन्होंने बताया कि बालिकाएं मजदूर हैं और सफाई कर रही हैं। लेकिन जब उन्हें कक्षा 11 की छात्राओं के नाम बताए तो उनसे जवाब देते नहीं बना। फिर अपनी बात पर सफाई देते हुए कहा कि स्कूल उनके घर जैसा है, घर का काम करने में कैसा एतराज, सब अपने घर में काम करते हैं। हमारे साफ सफाई का बजट नहीं आता है। मामला सामने आने के बाद सभी इस मामले को दबाने का प्रयास करने में जुट गए।