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बलात्कार मामले में आसाराम समेत तीन दोषी करार, पीड़िता ने सुनाई थी दिल दहलाने वाली दास्तान

बलात्कार मामले में आसाराम समेत तीन दोषी करार, पीड़िता ने सुनाई थी दिल दहलाने वाली दास्तान
@HelloBanswara - -

Banswara April 25, 2018  आसाराम को नाबालिग से रेप का दोषी करार दिया गया है. आसाराम एक नाबालिग लड़की से रेप के आरोप में क़रीब 4 साल से ज़्यादा वक़्त से जेल में बंद था. इस मामले में जोधपुर कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुनते हुवे आसाराम के साथ दो ओर लोगी को दोषी करार दिया गया है.

गोरतलब है कि इस मामले में कुल पांच लोग आरोपी थें, जिनमें दो लोगों को बरी कर दिया गया है.

आसाराम रेप केस में फैसला सुनाने के लिए कोर्ट जेल में ही लगा और वहीं फैसला सुनाया गया. पुलिस ने आसाराम रेप में उनके सेवादारों के ख़िलाफ़ नवंबर 2013 में चार्जशीट दाख़िल की थी. इस केस में कुल 58 गवाहों ने गवाही दी. आसाराम के ख़िलाफ़ जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया उसमें उम्रक़ैद तक की सज़ा हो सकती है. प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए जोधपुर को किले में तब्दील कर दिया है. पूरे शहर में धारा 144 लागू है. पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान फ़्लैग मार्च कर रहे हैं. हर आने-जाने वालों की तलाशी ली जा रही है. आसाराम के जोधपुर आश्रम को भी ख़ाली करा लिया गया है.

 

पीड़िता ने सुनाई थी दिल दहलाने वाली दास्तान

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग जो मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में 12वीं में पढ़ रही थी, उसने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के मणई आश्रम में बुलाकर उसके साथ 15 अगस्त 2013 की रात को कथित तौर पर रेप किया। पीड़िता ने अपने बयान में जो बातें कहीं हैं वह हैरत में डालती हैं....
 
पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि अगस्त 2013 के पहले हफ्ते में गुरुकुल में उसकी तबीयत खराब हुई थी। इस सूचना पर उसके माता-पिता गुरुकुल पहुंचे थे। गुरुकुल की हॉस्टल वार्डन शिल्पी ने कहा था कि इस बीमारी को आसाराम ही पूरी तरह ठीक कर सकते हैं। शिल्पी ने कहा था कि अनुष्ठान खुद बापू करेंगे और वह इस समय जोधपुर से करीब 26 किलोमीटर दूर मणई आश्रम में ठहरे हैं, इसलिए लड़की को वहीं ले जाओ। 

इस दौरान पीड़िता के माता-पिता आसाराम के प्रमुख सेवक शिवा के संपर्क में रहे। सलाह के मुताबिक, वे अपनी बेटी को जोधपुर स्थित आश्रम में ले गए। यहां पहुंचने के बाद सेवक ने नाबालिग को 14 और 15 तारीख की दम्यानी रात को आसाराम के पास आश्रम स्थित कमरे में छोड़ कर माता-पिता को वहां से चले जाने को कहा। हालांकि जिद के कारण माता-पिता कमरे के बाहर ही बैठ गए। आसाराम ने कमरे में नाबालिग से कथित तौर पर दुराचार किया और धमकी दी कि शोर मचाया तो माता-पिता को मरवा डालेगा। 

पीड़िता के मुताबिक, माता-पिता की जान बचाने के लिए उसने चुपचाप ज्यादती सहन की। वह बुरी तरह डर गई और 16 अगस्त 2013 को आश्रम से माता-पिता के साथ अपने घर के लिए रवाना हो गई। आश्रम से निकलने के बाद हिम्मत जुटाकर उसने अपने माता-पिता को यह आपबीती बताई। घटना के चार दिन बाद परिजन 19 अगस्त 2013 को अपनी बेटी को लेकर दिल्ली के कमला मार्केट थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई।

सुप्रीम कोर्ट से मिला था तगड़ा झटका

आखिरी बार 30 जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने जबर्दस्त फटकार लगाते हुए मेडिकल ग्राउंड पर आधारित जमानत याचिका खारिज कर दी और एक लाख रुपए तक का जुर्माना भी ठोक दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम के स्वास्थ्य से जुड़े फर्जी दस्तावेज पेश करने के मामले में नई एफआईआर भी दर्ज करने के निर्देश दिए।

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