पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, जाम-पथराव, चौकी में बैठे डीएसपी-एसडीएम देखते रहे, शव उठाने में 14 घंटे लगे
क्योंकि कानून की हत्या और पुलिस का सरेंडर
यह मॉब लिंचिंग ही
नरवाली-मोटागांव मार्ग पर काली मंगरी घाटी पर मिला था ऑटो चालक युवक का शव, दो युवक डिटेन
नरवाली क्षेत्र में बुधवार को सड़क पर संदिग्ध परिस्थितियों में ऑटो चालक का शव मिलने पर इसे हत्या बताते हुए परिजनों और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा मचाया। शव को सड़क पर रखकर नरवाली-मोटागांव मार्ग जाम कर दिया। गांव के ही एक घर पथराव कर पुलिसकर्मियों को दौड़ाकर पीटा। भीड़ के सामने पुलिस पूरी तरह बे-बस दिखी। सुबह से शुरू हुआ बवाल रात होने तक चलता रहा। भीड़ के दबाव में पुलिस ने 2 युवकों को डिटेन भी किया। नरवाली खेल मैदान में आक्रोशित लोगों से पुलिस समझाइश करती रही। आखिरकार 14 घंटे बाद रात 9.30 बजे पुलिस शव उठा पाई।
घटना नरवाली-मोटागांव मार्ग पर कालीमंगरी घाटी में मंगलवार रात की बताई जा रही है। चरणा भुंडवई गांव के ऑटो चालक 35 वर्षीय भेरिया पुत्र देवा डिंडोर का शव सुबह इसी मार्ग पर मिला। भेरिया के परिजनों ने हालात देखकर इसे हत्या बताया। उनका कहना था कि ऑटो कि किसी से भिड़ंत नहीं हुई और सड़क भी टूटी नहीं थी, फिर ऑटो कैसे पलट गया? शराब के नशे में उसकी हत्या की गई। यह सुन ग्रामीण भी गुस्सा गए। पुलिस दल को देख भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। ग्रामीणों के हाथ लगे एक-दो पुलिसकर्मियों को लात-घुसों से पीटा। पुलिसकर्मियों को खेतों से भागकर जान बचानी पड़ी। सड़क पर कांटे डालकर आम रास्ता बंद कर दिया। हंगामा बढ़ता देख खमेरा थाने से और जाब्ता मंगवाया लेकिन घटना स्थल पर दोबारा जाने की हिम्मत नहीं बनी। इस बीच भीड़ ने नरवाली पुलिस चौकी के सामने टायर जलाकर प्रदर्शन किया। ग्रामीण और परिजन हत्या की शंका जता रहे थे तो पुलिस इसे प्रथम दृष्टया हादसा बता रही थी। भीड़ ने चौकी के पास ही एक व्यक्ति पर संदेह जताते हुए उसके घर पर पथराव कर दिया। दरवाजों पर लगे कांच फोड़ दिए। गनीमत रही कि इस दौरान घर में कोई नहीं था। मृतक भेरिया मां-बाप का इकलौता था। पेशे से ऑटो चालक भेरिया की अमरी और मानकी दो पत्नियां है। दोनों से उसे 3 बेटे और 6 बेटियां हैं। एक बेटी की 3 साल पहले शादी करवाई है।
हत्या या मौत? : न सड़क पर गड्ढा न भिड़ंत, फिर ऑटो कैसे पलटा, इसी शक पर भड़क गई भीड़
एसडीएम बोले-मुझे घटना का पता नहीं
माहौल गरमाता देख डीएसपी प्रवीण सुंडा दोपहर में नरवाली चौकी पहुंचे। भारी भीड़ देख डीएसपी चौकी के भीतर बैठ गए। बाहर भीड़ टायर जलाकर हंगामा मचाती रही लेकिन डीएसपी समझाइश करने बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। थोड़ी ही देर में एसडीएम दिनेश कुमार मंडोवरा और तहसीलदार मजिद मोहम्मद भी पहुंचे। एसडीएम से इस बारे में बात की तो उन्होंने घटना के बारे में ही जानकारी होने से अनभिज्ञता जताई। चौकी के बाहर हुए हंगामे और प्रदर्शन को देख व्यापारी भी संकोच में आ गए और एक के बाद एक सभी ने शटर बंद कर दिए। जिससे थोड़ी ही देर में बाजार बंद हो गया। शाम 4:30 बजे एहतियात के तौर पर एमबीसी का जाब्ता बुलाना पड़ा।
14 घंटे उपद्रव पर किसी के खिलाफ रिपोर्ट नहीं, डीएसपी बोले-कोई चोटिल नहीं, बाद में देखेंगे
हादसे के समय मौजूद 2 साथी कहां गए
ग्रामीणों का कहना है कि जिस घर पर पथराव हुआ वहां अवैध शराब बेची जाती है और वह चौकी के पास ही। मृतक रात को उसके संपर्क में था। परिजनों का कहना है कि मृतक के साथ दो और युवक भी थे फिर हादसे में उसी की मौत कैसे हुई? मौके के हालत देख ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ऑटो कि किसी से भिड़ंत नहीं हुई और सड़क भी टूटी नहीं थी, फिर ऑटो कैसे पलट गया?
डीएसपी बाेले- पथराव महिलाओं ने किया, कोई चोटिल नहीं
डीएसपी प्रवीण सुंडा ने पुलिसकर्मियों पर पथराव की बात स्वीकारी, लेकिन इसे महिलाओं के पथराव करने और किसी के चोटिल नहीं होना बताकर ऐसे टालने की कोशिश की जैसे को काई गंभीर बात न हो। रास्ता जाम करने, पथराव करने और टॉयर जलाकर प्रदर्शन करने के बावजूद डीएसपी ने किसी के खिलाफ केस दर्ज करने की बात पर यही कहा कि बाद में देखेंगे।
चौकी के पास बिकती है अवैध शराब
शराब बिक्री: ग्रामीणों ने चौकी के पास ही घर में शराब बेचने का आरोप लगाते हुए पथराव किया। अगर ऐसा है तो यह पुलिस की मिलीभगत को साफ उजागर कर रहा है।
दबाव: सरेआम रास्ता रोकने, पुलिस कर्मियों को पीटने और पथराव के बाद भी पुलिस खामोश। किसी के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं। इससे साफ है कि पुलिस दबाव में थी।
समझाइश: नरम रुख अपनाया। इसलिए शव उठाने में 14 घंटे लगे। आम लोगों में दहशत का माहौल बना।
By Bhaskar