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तन और वतन को स्वस्थ रखने का उपाय है योग: स्वामी रामदेव, योग शिविर के दुसरे दिन सांप्रदायिक एकता की मिसाल हुई पेश

तन और वतन को स्वस्थ रखने का उपाय है योग: स्वामी रामदेव, योग शिविर के दुसरे दिन सांप्रदायिक एकता की मिसाल हुई पेश
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Banswara April 25, 2018 - देश को दुनिया का सिरमौर बनाना है तो स्वदेशी उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करना जरूरी है। हमें तन और वतन स्वस्थ रखना है तो इसका एकमात्र उपाय योग को जीवनचर्या का अंग बनाना ही है, इसके अलावा मानव तन व अपना वतन स्वस्थ नहीं रह सकते। यह विचार योगऋषि स्वामी रामदेवजी ने बांसवाड़ा जिला खेल स्टेडियम में चल रहे निःशुल्क योग शिविर के दूसरे दिन व्यक्त किए।

स्वामी रामदेवजी का बज़्मे सुफी कल्चर संयोजक सिराज नूर चिश्ती की अगुवाई में मुस्लिम समाज के वसी सिद्दीकी, मोहम्मद रफिक, मोहम्मद शाहरूख ने माल्यार्पण कर अभिनन्दन किया। इस अवसर पर चित्रकार सिराज नूर चिश्ती ने पेंसिल स्केच द्वारा बनाए गए स्वामी रामदेवजी के चित्र को भी योगऋषि स्वामी रामदेवजी को भेंट किया। सामाजिक एकता-साम्प्रदायिक सौहार्द्र के इस दृश्य पर सभी ने करतल ध्वनि से सिराज नूर चिश्ती का अभिनन्दन किया। केन्द्रीय प्रभारी डॉ. जयदीप आर्य ने बज़्मे सूफी कल्चर की इस पहल पर विशेष आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के उदाहरण समाज के समक्ष बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

शरीर विज्ञान की दी जानकारी -
योगसत्र के दौरान स्वामी रामदेवजी ने योगाभ्यास के साथ-साथ शरीर विज्ञान की ज्ञानवर्द्धक जानकारियां दी। उन्होंने नाड़ी शुद्धि, चंद्रभेदी, शीतली, सीतकारी सहित अनेक क्रियाओं की सजीव प्रस्तुति के साथ अभ्यास करवाया। उन्होंने बताया कि योग, प्राणायाम, आसन से 72 करोड़, 72 लाख 10 हजार 210 नाडि़यां, ज्ञानमय, अन्नमय कोष सहित समूचा तन निरोगी, ऊर्जावान व स्वस्थ रहता है।
जौ दलिया का जरूर खाएं -
योगऋषि ने कहा कि जौ दलिया जरूर खाएं। सप्ताह में कम से कम एक बार जौ दलिया खान से केल्शियम डिपोजिशन दूर होने के साथ ही पाचन तंत्र शुद्ध होकर मजबूत बनता है। उन्होंने बताया कि शीशम, पीपल व बेल के पत्ते घोटकर पीने से ऊष्णता की समस्या दूर होती तथा शरीर में शीतलता बनी रहती है। इससे व्यक्ति अपने क्रोध पर भी नियंत्रण कर पाता है।

रसना और वासना पर नियंत्रण जरूरी -
योगाभ्यास के साथ नैतिक ज्ञान व चरित्रवान बनने की सीख देते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति रसना और वासना पर नियंत्रण कर लेता है । उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। नियमित योग करने से शरीर सुन्दर बनता है निरोगी रहता है इसके साथ ही रसना और वासना पर नियंत्रण भी कर पाता है। उन्होंने जीभ पर अपने प्रिय स्वादिष्ट वस्तु रखकर कहना कि अब यह एक रसगुल्ला, या यह मिठाई इतनी ही मिलेगी। इसका जितना आनन्द लेना है उतना ले लें। जीभ पर वह प्रिय स्वादिष्ट वस्तु स्वाद लेने के लिए रखना और एक ही खाना। इस तरह अभ्यास करने से बुरी आदतों व अत्यधिक खानपान पर नियंत्रण हो सकता है।

परिवार में लागू हो योग -
स्वामी रामदेवजी ने कहा कि सभी लोग यह अपेक्षा करते है कि सरकार विद्यालयों में योग लागू करें ताकि सब योग करें लेकिन जब तक अपने परिवार में योग लागू नहीं करेंगे तब तक जीवन में योग अंग नहीं बन पाएगा। हर काम के लिए सरकार पर आश्रित नहीं रहना चाहिए। हमें स्वयं भी इस दिशा में पहल करनी होगी। उन्होंने लोगों से कहा कि जन्म लेने वाले शिशुओं में भी आजकल बहुत रोग होते है। इसका सीधा मतलब है कि इस जन्म के रोग अगले जन्म में भी पीछा नहीं छोड़ते। योग के द्वारा ही इस जन्म की बिमारी यहीं ठीक करनी चाहिए ताकि अगला जन्म निरोगी रहे।

दीप प्रज्वल ने शुरू हुआ योगसत्र -
बुधवार को योगसत्र की शुरूआत दीप प्रज्वलन से हुई। दीप प्रज्वलन जगमाल सिंह सहित अन्य जनों ने किया। योगसत्र के दौरान बेहतरीन योग करने वाले चित्तौड़ निवासी अर्हम व गनोड़ा निवासी का भी स्वामी रामदेवजी ने अभिनन्दन किया।
शत द्वीपों के शहर के चित्र का किया अनावरण
स्वामी रामदेवजी ने बांसवाड़ा पर्यटन उन्नयन समिति द्वारा शत द्वीपों के शहर की पहचान बन चुके चाचा कोटा के ड्रोन से खींचे गए फोटो का भी अनावरण किया। इस अवसर पर रामदेवजी ने समिति के जगमाल सिंह, कमलेश शर्मा, मुजफ्फर अली, दीपेश शर्मा, हेमांग जोशी रूद्राक्ष की माला पहनाकर अभिनन्दन किया।

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