वाट्सएप पर मिले आदेश नहीं मानेंगे शिक्षक
राज्य सरकार ने स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए स्टाफ पर स्कूल में मोबाइल नहीं ले जाने के फरमान के खिलाफ शिक्षक संगठन खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर मोबाइल पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो वाट्सएप पर मिले आदेश भी शिक्षक नहीं मानेंगे। क्योंकि सभी विभागीय आदेश, निर्देश, सूचनाओं का आदान प्रदान मोबाइल के माध्यम से ही ऑनलाइन भेजा जा रहा है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय बांसवाड़ा के जिलाध्यक्ष गमीरचंद पाटीदार ने बताया कि शिक्षक के मोबाइल का सर्वाधिक उपयोग सरकारी व विभागीय कार्यों के लिए हो रहा है। शिक्षक को विद्यालय की सूचनाएं शाला दर्पण पोर्टल पर ऑनलाइन करने के आदेश दिए हैं। यहां तक की विद्यालय से संबंधित समस्त सूचनाएं ऑनलाइन मांगी जा रही है। मिड डे मील, परीक्षा से लेकर परिणाम जारी करने, टीसी जारी करने, बाल सभा, इंफ्रास्ट्रक्चर, छात्रवृत्ति, भामाशाह व अन्य सभी गतिविधियों को ऑनलाइन किए जाने के आदेश दिए जाते हैं।
ये सभी आदेश व्हाट्स एप पर जारी होते हैं। ऐसे में स्कूल में मोबाइल पर प्रतिबंध की क्या वजह है। संगठन ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर इन सारी परिस्थितियों से अवगत कराया। संगठन ने कहा है कि कोई भी विभाग का अधिकारी कोई भी सूचना, आदेश, निर्देश मोबाइल से नहीं मांगे। पाटीदार ने कहा कि तुगलकी फरमान है। अगर यह आदेश लागू करते हैं तो कोई भी शिक्षक मोबाइल से सूचनाएं देने के लिए बाध्य नहीं रहेगा। विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों से ही सारी सूचनाएं ऑनलाइन कराई जाएं। इसके अलावा आदेशों की हार्ड कॉपी शिक्षकों को दिलवाने की मांग रखी। आदेशों में बदलाव नहीं होने पर संगठन ने आंदोलन की चेतावनी दी है।