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धार से निकली, वागड़ में प्रवेश पर मुस्कुराई माही

धार से निकली, वागड़ में प्रवेश पर मुस्कुराई माही
@HelloBanswara - -

दीपेश मेहता

ड्रोन फोटो. भुवनेश द्विवेदी 

बांसवाड़ा. मध्यप्रदेश के धार जिले के सरदारपुर स्थित विंध्याचल की पहाडिय़ों से रिसने वाला पानी मेहद झील में एकत्रित हाेता है। वहीं से निकलती है माही। जाे तीन राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात हाेती हुई बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। माही नदी की कुल लंबाई 567 किलोमीटर है, जबकि राजस्थान में केवल 171 किलोमीटर ही बहती है। माही नदी की औसत गहराई 42 फीट (14 मीटर) और अधिकतम गहराई है 90 फीट (27 मीटर) है। राजस्थान की यह एक मात्र एेसी नदी है जो दिशा में आती है उसी दिशा में मुड़ जाती है। बाजना के समीप गंढखंकाई माता के मंदिर के पास यह मुस्कुराहट के अंदाज में टर्न लेती है। जहां पर वन विभाग की अाेर से एक व्यू प्वाइंट भी बना रखा है। बारिश के दिनाें में वहां से ये दृश्य एेसा लगता है जैसे माही मुस्कुरा रही हाे। माही नदी एकमात्र ऐसी नदी है जो कर्क रेखा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो बार काटती है या दो बार पार करती है। माही नदी पर प्रदेश का सबसे लंबा माही बजाज सागर बांध बनाया गया है। जिसकी कुल लंबाई 3109 मीटर है।  

क्या है खासियत : गंढ़खंकाई में वन विभाग का ईको टूरिज्म उद्यान विकसित किया गया है। यहां से मुस्कुराती माही का व्यू प्वॉइंट दिखता है। इसकी सहायक 5 नदियां सोम, जाखम, बनास, चाप और मोरन हैं।  

ऐसे पहुंच सकते है : बांसवाड़ा से बस के जरिए बाजना और वहां से निजी बस या वाहनों के जरिए यहां तक पहुंचा जा सकता है। वहीं रतलाम से बाजना बस स्टैंड और वहां से खुद के वाहन से भी जा सकते हैं। 3.6 किमी फोरलेन व बाकी टू लेन है।  

प्रकृति ने वागड़ को बहुत कुछ दिया है। बांसवाड़ा को 100 आईलैंड सिटी भी कहा जाता है। बारिश के समय यहां की हरीभरी वादियां, प्राकृतिक झरने मनमोह लेते हैं। माही बांध के बैक वाटर का सौंदर्य सबसे निराला है प्रकृति की खूबसूरती के बावजूद बांसवाड़ा का पर्यटन मानचित्र पर नाम नहीं है।  

 

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