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MSB School ने नो प्लास्टिक का दिया सन्देश

MSB School ने नो प्लास्टिक का दिया सन्देश
@HelloBanswara - -

Banswara August 18, 2018 बाँसवाड़ा की एम एस बी विद्यालय जिसने नो प्लास्टिक का सन्देश दिया। इसके लिए विद्यालय के सभी बच्चे साइकिल से अपने विद्यालय से निकले और जगह जगह जाकर लोगो को नो प्लास्टिक का सन्देश दिया और सभी को कपडे के बेग दिए और सभी से अनुरोध किया कि प्लास्टिक के बेग का उपयोग नहीं करे और जितना हो सके उतना प्लास्टिक के सामान से दूर रहे है, क्यूंकि प्लास्टिक का उपयोग पुरे विश्व में बहुत अधिक मात्र में उपयोग हो रहा है जिससे पूरा विश्व प्लास्टिक के कचरे से भर रहा है जो आने वाले समय की बहुत बड़ी समस्या बनाने वाला है।

फिर सभी बच्चे और वहां के शिक्षक अंत में नई आबादी के गौल चौराहे पर एकत्रित हुवे फिर वाहन पर अतिथि गण ने अपने विचार रखे और इस प्रकार के अभियान सहीं बताते हुवे प्रशंसा की।

कारण Cause

  • प्लास्टिक महंगा नहीं है, इसलिए  यह अधिक उपयोग किया जाता है। इसने हमारी भूमि कब्ज़ा कर लिया है, जब इसको समाप्त किया जाता है, तो यह आसानी से विघटित नहीं होता है, और इसलिए वह उस क्षेत्र के भूमि और मिट्टी को प्रदूषित करता है।
  • एकबार ही प्रयोग के बाद अधिकांश लोग प्लास्टिक की बोतलें और पॉलिथीन बैग को फेंक देते हैं। इससे भूमि और साथ ही महासागरों में प्रदूषण दर बढ़ जाती है, मुख्यतः विकासशील और अविकसित देशों में इसकी बजह से प्रदुषण बढ़ रहा है।
  • प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक की बोतलें,  त्याग किए गए इलेक्ट्रॉनिक समान, खिलौने आदि, विशेषकर शहरी इलाकों में नहरों, नदियों और झीलों के जल के निकास को रोक रहे है।
  • हर साल दुनिया भर में लगभग 100 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है इसमें से 25 मिलियन टन ना नष्ट होने योग्य प्लास्टिक पर्यावरण में जमा हो रही हैं।
  • अमेरिका में ठोस सार्वजनिक कचरे की कुल मात्रा में से लगभग 20% प्लास्टिक और संबंधित पॉलिमर हानिकारक होते हैं। लगभग 50 मिलियन अमरीकी डॉलर US की प्लास्टिक उद्योग का मूल्य है।
  • दुनिया भर में लगभग 70,000 टन प्लास्टिक महासागरों और समुद्रों में फेंक दिए जाते हैं। मछली पकड़ने के जाल और अन्य सिंथेटिक सामग्री को जेलिफ़िश और स्थलीय और साथ ही जलीय जानवरों द्वारा भोजन समझकर, खा लिया जाता है, जिससे उनके शरीर के अंदर प्लास्टिक के जैव-संचय हो सकते हैं। इससे श्वसन मार्ग में अवरोध होता है, अंत में इस वजह से हर साल कई मछलियों और कछुओं की मौत हो जाती हैं।

प्लास्टिक से क्या प्रभाव Effect

  • ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के प्रदूषण और संबंधित प्रभावों की अधिक संभावना है, क्योंकि इन क्षेत्रों के अधिकांश लोग प्लास्टिक के बड़े पैमाने पर उपयोग करते हैं।
  • हमारे द्वारा फेंके गये गंदे कचरे में प्लास्टिक की थैली और बोतलों को कई आवारा जानवर इसे खा लेते है इस कारण उनकी मृत्यु हो सकती है।
  • बरसात के मौसम में, सड़क पर पड़ा हुआ प्लास्टिक का कचरा जो कि पास के जलाशय और नहरों और नालियों में वह जाता है, इस कचरे को मछलियों द्वारा खा लिया लिया जाता है जिसके कारण मछलियों को श्वसन में परेशानी होने लगती है। इसके अलावा, इन सिंथेटिक सामग्री से पानी की गुणवत्ता में भी कमी आ जाती है।
  • जब खुले में प्लास्टिक फेंक दिया जाता है, तो प्लास्टिक की सामग्री पानी के संपर्क में आती है और खतरनाक रसायनों का निर्माण करती है। यदि इन यौगिकों से भूजल का स्तर में कमी आती हैं, और जल की गुड़वत्ता कम हो जाती है।
  • समुद्री जल निकायों में प्लास्टिक प्रदूषण के कारण जलीय जानवरों की असंख्य मृत्यु हो रही है, और इससे यह जलीय पौधे भी काफी हद तक प्रभावित हो रहे  है।
  • प्लास्टिक संचय के कारण गंदगी बढ़ती है जो मच्छरों और अन्य हानिकारक कीड़े के लिए प्रजनन आधार बन जाता है, जो कि मनुष्यों में कई बीमारियों का कारण हो सकता है।
  • हमारे घर में पानी की गुणवत्ता बिगड़ती जा रही है, क्योंकि प्लास्टिक में कुछ जहरीले रसायनों जैसे स्टाइरीन ट्रिमर, बिस्फेनोल A , और पॉलीस्टायर्न के उप-उत्पाद उपस्थित होता है। ये उत्पाद प्रतिदिन पीने के पानी की स्थिति ख़राब कर रहे हैं बिस्फेनोल A हानिकारक रासायनिक है जो जानवरों की प्रजनन प्रणाली को नुकसान पहुँचाता है।
  • जानवरों के अंदर प्लास्टिक के जैव-संचय, प्लास्टिक प्रदूषण सबसे हाल के प्रभावों में से एक है। जमी हुई प्लास्टिक हानिकारक रसायनों को मुक्त करती है, और छोटे टुकड़ों में भी विभाजित हो जाती है, और जानवरों की मृत्यु के बाद, उनका शरीर विघटित होता है, लेकिन प्लास्टिक के टुकड़े अन्य जानवरों के लिए खतरे के रूप में रह जाते हैं।
  • हवा एक जगह से दूसरे स्थान पर प्लास्टिक का जमाव करती है, जिससे भूमि कूड़े में बढ़ोत्तरी होती है। यह, पेड़, टॉवर, इमारतों आदि सभी जगह को प्रभावित करती है, और कोई भी जानवर जो उनके संपर्क के क्षेत्र में आता है, उसमें उलझ जाता है और उनका दम घुटने के कारण उनकी मौत हो जाती है।
  • प्लास्टिक के जलने से वायुमंडल के प्रदूषण बढ़ता है और ज़हरीली रसायनों का विमोचन जो की, वायु प्रदूषण का एक कारण होता है। जब इनको रीसाइकिल किया जाता है, तो मजदूरों की आवश्यकता होती है, जो ज़हरीली रसायनों में साँस लेते है, जिस कारण उनको त्वचा और श्वसन समस्याओं के जोखिम उठाने पढ़ते हैं।

 

समाधान और निवारक उपाय Control

  • यद्यपि प्लास्टिक से बने सामान सुविधाजनक होते हैं, यह वह समय है जब हमें पृथ्वी पर प्लास्टिक की वजह से होने वाले नुकसान की जानकारी होनी चाहिए। इससे पहले कि हमारी पृथ्वी की तस्वीर और भी बदसूरत हो जाये, बेहतर होगा कि आप इस प्रकार के प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ प्रभावी निवारक उपाय अपनाये।
  • इसके उपयोग में गिरावट लाने के लिए, हमें शॉपिंग के लिए जितना संभव हो पेपर या कपड़े से बने बैग्स का उपयोग करना चाहिए, और घर पर प्लास्टिक बैग लाने से बचना चाहिए।
  • प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या की गंभीरता को समझना चाहिए, और पानी में और भूमि पर फेंके गये डंपिंग प्लास्टिक के परिणाम के बारे में समझना चाहिये। प्लास्टिक के उचित निपटान सुनिश्चित करना।
  • जो प्लास्टिक का निपटान किया जाता है, वह पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है और उनका इस्तेमाल कई अलग-अलग तरीकों में जैसे बैग, पर्स, या पाउच को बनाने में किया जा सकता है। बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग उपलब्ध हैं, जो काफी हद तक मददगार साबित हुए हैं।
  • ये परिवर्तन धीरे-धीरे हमारी समस्या को कम कर सकते है और प्लास्टिक के प्रति हमारे आकर्षण को भी कम कर सकते हैं; इसलिए हमें छोटे-छोटे कदम उठाकर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में योगदान देना चाहिए। यह वह समय है जब हम कुछ निवारक कदम उठाकर अपने भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित कर सकते है।
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