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भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का फैसला लिया

भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का फैसला लिया
@HelloBanswara - -

नई दिल्ली. पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद कैबिनेट की सुरक्षा संबंधी समिति की (सीसीएस) शुक्रवार सुबह अहम बैठक हुई। इसमें पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने का फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पड़ोसी देश और आतंकी बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं। गुनहगारों को सजा जरूर मिलेगी। सुरक्षा बलों को पूरी स्वतंत्रता दे दी गई है। वित्त मंत्री का पदभार दोबारा संभाल चुके अरुण जेटली ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि जो भी इस हमले में शामिल हैं, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। शुक्रवार शाम स्वीडन, फ्रांस, हंगरी, इटली और जर्मनी समेत 25 देशों के प्रतिनिधि भारतीय विदेश मंत्रालय के दफ्तर बैठक के लिए पहुंचे।

क्या है मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा? 
मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी सबसे ज्यादा तरजीही वाला देश। विश्‍व व्‍यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया जाता है। जिस देश को यह यह दर्जा मिलता है, उसे आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। भारत ने 1996 में पाकिस्‍तान को मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था। 2016 में सिंधु जल समझौता खत्म करने के समय  और उड़ी हमले के बाद भी भारत ने पाक से एमएफएन का दर्जा वापस लेने के संकेत दिए थे। हालांकि बाद में केंद्र सरकार ने इसे जारी रखा था। पाक ने कभी भी भारत को एमएफएन का दर्जा नहीं दिया। 

इसके क्या फायदे ?  
इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है। यह दर्जा प्राप्त देश से कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंदा फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज का कारोबार होता है। 

एमएफएन का दर्जा छिनने से पाक को कितना नुकसान? 
एमएफएन का दर्जा छीनने के बाद भारत पाकिस्तानी आयात पर किसी भी सीमा तक शुल्क बढ़ा सकता है। हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो एमएफएन दर्जा छिनने से पाक को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा। भारत और पाकिस्तान के बीच 2017-18 के दौरान 2.412 बिलियन डॉलर (करीब 17 हजार करोड़ रुपए) का कारोबार हुआ था। इसमें भारत से होने वाले निर्यात की हिस्सेदारी 1.924 बिलियन डॉलर है, जबकि पाकिस्तान से सिर्फ 0.488 बिलियन डॉलर का ही आयात होता है। 2016-17 में भारत की ओर से पाकिस्तान को 1.8218 बिलियन डॉलर, जबकि पाक की तरफ से सिर्फ 0.454 बिलियन डॉलर का ही निर्यात किया गया था।

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