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जिलें में इस बार 82.18 प्रतिशत मतदान रहा

जिलें में इस बार 82.18 प्रतिशत मतदान रहा
@HelloBanswara - -

जिले में इस बार कुल मतदान 82.18 फीसदी हुआ। जो पिछले चुनावों से 0.12 फीसदी ज्यादा है। सुबह वोटिंग शुरू होने के बाद 3 घंटों में मतदान की रफ्तार ठीक रही, लेकिन इसके बाद दोपहर में मतदाताओं की बूथ की ओर आवाजाही कम देखी गई। शाम को शाम को एक बार ऐसा लगा कि इस बार मतदान गिरेगा, लेकिन कई जगहों पर ऐसी स्थिति बनी की 5 बजे बाद भी कतार लंबी होने के कारण रात तक मतदान प्रक्रिया जारी रही। शाम 5 बजे तक जिले में 74.92 फीसदी वोटिंग हो चुकी थी। इसके बाद देर रात जारी अंतिम पोल में आंकड़ा 82.18 फीसदी पहुंच गया। स्वीप प्रकोष्ठ के माध्यम से कई जागरुकता कार्यक्रम और अभियान चलाए, लेकिन ज्यादा असर नहीं दिखा। इसके साथ ही अब पांचों विधानसभाओं से 34 प्रत्याशियों का फैसला वोटिंग मशीन में कैद हो चुका है। इसका खुलासा 11 दिसंबर को किया जाएगा।

कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार शाम 5 बजे से रात 10.30 बजे तक पांचों विधानसभा में 89 हजार 471 वोट डाले गए। यह वे वोटर थे जो पांच बजे से पहले मतदान केन्द्र में तो पहुंच गए लेकिन वहां पर लगी लाइनों के कारण उनका नंबर बाद में आया। शाम 5 बजे जारी वोटिंग के अनुसार जिले में 9 लाख 23 हजार 899 वोट डाले गए थे जिससे 74.92 फीसदी मतदान हुआ था। रात 10.30 बजे तक 10 लाख 13 हजार 307 वोट डाले चुके थे जिससे अंतिम पोल 82.18 फीसदी पहुंचा। यानि जिलेभर में 2 लाख 19 हजार 804 मतदाता वोट नहीं डाल सके हैं।


एक वोट में 7 सेकंड ज्यादा, इसलिए शाम 5 बजे बाद 89 हजार मत डले, अाखिरी वोट घाटोल से 

नहीं आने दूंगी लोकतंत्र पर झुर्रियां 
कुशलगढ़ विधानसभा की एक वृद्ध मतदाता। 
कुशलगढ़ में सबसे ज्यादा मतदान : सबसे अंतिम पोलिंग का आंकड़ा घाटोल विधानसभा से जारी किया गया। जिले में सबसे अधिक मतदान कुशलगढ़ में 85.79 फीसदी हुआ तो दूसरे पायदान पर घाटोल रहा जहां 84.56, बागीदौरा में 82, बांसवाड़ा में 81.02 और गढ़ी में 77.54 फीसदी वोटिंग हुई है। 
 

मतदान के बाद पंाचों विधानसभा क्षेत्रों से ग्राउंड रिपोर्ट 
 

घाटोल में कांग्रेस, कुशलगढ़ में भाजपा शेष तीन सीटों पर बराबरी का मुकाबला 
बांसवाड़ा। मतदान प्रक्रिया शुक्रवार को थम गई। अब नतीजों का इंतजार है। कौन जीतेगा और किसे मतदाता नकार देंगे, इसे लेकर उत्सुकता बनी हुई है। इस बार कोई भी सीट पूरी तरह सेफ नहीं मानी जा रही। बांसवाड़ा और कुशलगढ़ में बागियों की वजह से मुकाबला त्रिकोणीय है तो गढ़ी, घाटोल में भाजपा ने नए चेहरों को मैदान में उतारा है। प्रत्याशियों को वोट करने के लिए पोलिंग बूथों पर रात 8 बजे तक कतारे नजर आई। जीतेगा कौन यह 4 दिन बाद मत पेटियां खुलने पर सामने आएगा। लेकिन, इससे पहले हमारी टीमों ने पोलिंग बूथों से मतदान के बाद मतदाताओं की मंशा टटोली। 
 

बांसवाड़ा : त्रिकोणीय संघर्ष से भाजपा के हकरू को फायदा 
बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस, भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवार के त्रिकोणीय संघर्ष है। भाजपा टीम की सक्रियता का फायदा हकरू मईड़ा को मिलने के आसार हैं। कांग्रेस के उम्मीदवार अर्जुन बामनिया ने पार्टी के परंपरागत वोटों को मजबूत करने के साथ युवाओं को जोड़ने की कोशिश की। भाजपा के बागी धनसिंह रावत को नये चुनाव चिह्न के साथ चुनाव मैदान में उतरने में काफी मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी ताकत झोंकी। हालांकि, बांसवाड़ा सीट ऐसी है जहां भाजपा और कांग्रेस में से सीट किसके खाते में जाने वाली है यह कहना फिलहाल बेहद मुश्किल है। 

गढ़ी : कैलाश का पलड़ा भारी, कांता को भितरघात 
भाजपा का पलटा भारी नजर आया। हालांकि, कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक से यहां पर भी टक्कर है। कांग्रेस प्रत्याशी कांता भील पूर्व विधायक है, इसलिए चुनावी अनुभव भी रखती है। कैलाश को मुख्यमंत्री की सभा से वोट बटोरने में मदद मिली है तो कांग्रेस से बड़े नेता की सभा नहीं होने और भितरघात का नुकसान हो सकता है। कांग्रेस के गढ़ वाले जौलाना, टामटिया राठौड़, नाहली, भतार, टिमुरवा और आमजा में बीटीपी का प्रभाव नजर आ रहा है। 
 

कुशलगढ़ : भाजपा के भीमाभाई की जीत का दावा 
कुशलगढ़ में भाजपा के भीमाभाई डामोर के पक्ष में वोटिंग होना सामने आया है। कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ रही निर्दलीय रमीला खड़िया के दूसरे नंबर पर रहने की संभावना है। कांग्रेस और लोजद का गठबंधन असरदार नहीं रहा है। कुशलगढ़ में कांग्रेस 2013 के विधानसभा चुनाव में महज 708 वोट से हारी थी। ऐसे में इस बार कांग्रेस प्रत्याशी को टिकट मिलता तो निश्चित यह सीट निकाल लेते। 
 

घाटोल : कांग्रेस के नानालाल निनामा आगे 
इस बार दौड़ में कांग्रेस के नानालाल निनामा आगे हैं। इसकी वजह भाजपा से बागी हुए नवनीतलाल के भाजपा के परंपरागत वोटों में सेंध लगाकर नुकसान पहुंचाना माना जा रहा है। वहीं नानालाल पहले भी दो बार विधायक रह चुके हैं, जिससे क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत मानी जा रही है। हालांकि, स्थानीय मतदाताओं का यह भी कहना है कि मोदी और वसुंधरा की सभा से हरेंद्र को वोट बटोरने में फायदा मिला है। इस वजह से वह टक्कर देेंगे। नानालाल बेहद कम मतों के अंतर से जीत सकते हैं। 
 

बागीदौरा : बीटीपी के वोट तय करेंगे जीत-हार 
बागीदौरा विधानसभा में इस बार कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्रजीतसिंह मालवीया को भाजपा प्रत्याशी खेमराज गरासिया कांटे की टक्कर दे रहे हैं। लेकिन, मालवीया की जीत-हार बीटीपी के वोट पर निर्भर करेगी। करीब 36815 हजार वोटर भी इस बार नए जुड़े। मतदान प्रतिशत भी बढ़ा है। मालवीया पिछली बार 14325 वोटों से जीते थे। उस वक्त खेमराज और मालवीया में सीधा मुकाबला था लेकिन इस बार बीटीपी भी चुनाव मैदान में है। बीटीपी अपने प्रचार-प्रसार में ज्यादातर कांग्रेस पर वार कर वोट मांगती नजर आई। ऐसे में अगर पिछले चुनाव में जीत के अंतर पर नजर डाले तो बीटीपी 10 से 15 हजार वोट निकाल लाई और यह वोट कांग्रेस में सेंध हुए तो मालवीया की जीत में यह सबसे बड़ा रोड़ा होगा। 
 

पांचों विधानसभा का एनालिसिस 
जिले केंद्र                  2008               2013            2018 
बासंवाड़ा  247         72.09%         83.37%         81.02% 
कुशलगढ़ 248         67.99%         83.24%         85.79% 
घाटोल 292             74.99%         84.66%         84.56% 
बागीदौरा 283         69.33%         81.88%         82.00% 
गढ़ी 299                67.14%         84.66%         77.54% 
कुल 1377              70.30%         82.06%         82.18% 
 

 

 

By Bhaskar 

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