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पूर्व मंत्री भवानी जोशी समेत 23 को कोर्ट ने समन भेजकर तलब करने के दिए आदेश, 20 मई को कोर्ट में होंगे पेश

पूर्व मंत्री भवानी जोशी समेत 23 को कोर्ट ने समन भेजकर तलब करने के दिए आदेश, 20 मई को कोर्ट में होंगे पेश
@HelloBanswara - -

मार्बल व्यवसायी गोपीराम अग्रवाल की संपत्ति पर अतिक्रमण कर नारेबाजी करने का मामले में पूर्व मंत्री भवानी जोशी समेत 23 को कोर्ट ने समन भेजकर तलब करने के दिए आदेश, 20 मई को कोर्ट में होंगे पेश 

बांसवाड़ा 10 वर्ष पूर्व शहर में चर्चा का विषय रहा राजराजेश्वर मंदिर का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। इस मामले में कोर्ट ने फिर से जांच के आदेश जारी किए हैं। अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम वर्ग बांसवाड़ा ने इस मामले में परिवादी गोपीराम अग्रवाल की याचिका स्वीकार करते हुए पत्रावली और उपलब्ध मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर पूर्व मंत्री भवानी जोशी सहित 23 आरोपियों को समन के जरिये तलब किया है। इस पर कोर्ट ने सभी को 20 मई को पेश होने के आदेश दिए हैं।

इस पुरे मामले में जोशी के अलावा हरबंशसिंह, बद्रीदास, प्रेमकांत मेहता, ललित नारायण, रमेश पंचाल, कमल शर्मा, चंद्रिका शर्मा, भूपेंद्र उपाध्याय, सतीश शर्मा, अरुण व्यास, अनिल व्यास, मांगीलाल, संतोष, विजय कुमावत, ओम महावत, नवनीत पंड्या, उमेश, रामनिवास, हेमंत बैरागी, रामदास, धूलजी और मुकेश शाह शामिल है।

इस पर सीआई देवीलाल मीणा ने बताया कि एक सूचना जरूर आई है कि कोई प्रकरण था, जिसमें एफआर लग गई थी, जिसे रिओपन करके कोर्ट तलब करेगा। हमें तो सिर्फ प्रतिलिपि प्राप्त हुई है, कोर्ट ने हमें कहा नहीं है कि इन्हें पकड़ लो और गिरफ्तार कर लो।

यह है मामला 

आज से करीब 10 वर्ष पूर्व प्रार्थी गोपीराम अग्रवाल ने पुलिस में रिपोर्ट दी थी कि पूर्व मंत्री भवानी जोशी सहित अन्य लोगों ने 19 मार्च, 2009 को धूलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करने के निर्धारित समय के बाद एकत्रित होकर परिवादी की संपत्ति में अतिक्रमण किया और मंदिर परिसर में परिवादी के खिलाफ नारे लगाए। गोपीराम अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में पहले पुलिस में रिपोर्ट दी गई थी, लेकिन पुलिस ने कहाँ केस नहीं बनता है, और फिर ऐसा कह कर जांच करने से इंकार कर दिया। इसके बाद कोर्ट में इस्तगासा पेश किया तब पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने जमीन को देवस्थान विभाग की बताकर केस नहीं बनाया और प्रकरण में एफआर लगा दी।

अग्रवाल ने इसके बाद कोर्ट में प्रोटेस्ट पीटीशन भी दायर किया, लेकिन लंबे समय से उसका निस्तारण नहीं हुआ। बाद में अग्रवाल ने हाई कोर्ट में पीटीशन पेश की तो 12 फरवरी, 2019 को हाईकोर्ट ने मामले का निस्तारण करने के आदेश दिए। इसके बाद अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम वर्ग ने आरोपियों को तलब करने को कहा। 

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