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6 दिन पहले भाजपा में शामिल हुई चंपादेवी 1 वोट से जीत के साथ कुशलगढ़ प्रधान बनी

6 दिन पहले भाजपा में शामिल हुई चंपादेवी 1 वोट से जीत के साथ कुशलगढ़ प्रधान बनी
@HelloBanswara - -

पंचायत समिति कुशलगढ़ में रिक्त पड़े प्रधान पद के लिए सोमवार को चुनाव हुए, इसमें महज 6 दिन पहले भाजपा में शामिल हुई चंपादेवी कुशलगढ़ की नई प्रधान चुनी गई। 17 सदस्यों वाली पंचायत समिति में भाजपा को 9 और कांग्रेस को 8 वोट मिले। ऐसे में भाजपा की चंपादेवी की 1 वोट से जीत हुई। प्रधान पद के लिए सोमवार को हुए उपचुनाव में सुबह से ही दोनों प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और भाजपा अपने अपने पक्ष में वोटिंग करवाने के लिए लॉबिंग में जुट गई थी, लेकिन महज 6 दिन पहले भाजपा में शामिल चंपादेवी का वोट निर्णायक साबित हुआ और जीत भाजपा की झोली में गई। पंचायत समिति कुशलगढ़ के इतिहास में पहली बार भाजपा की प्रधान बनी है। यह रिकॉर्ड चंपादेवी के नाम रहा। निर्वाचन अधिकारी रामचंद्र खटिक ने नवनिर्वाचित प्रधान चंपादेवी को शपथ दिलाई। सोमवार सुबह भाजपा की ओर से चंपादेवी और कांग्रेस की ओर से रेखा देवी व शीला देवी ने नामांकन दाखिल किया।  
जहां शीला देवी का नामांकन खारिज हो गया। ऐसे में चंपादेवी और रेखा देवी दो ही उम्मीदवार मैदान में रही। दोपहर 3 बजे शुरू हुए मतदान में भाजपा के वार्डों को मतदान कराने के साथ पूर्व विधायक भीमाभाई डामोर, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर त्रिवेदी, मुकेश रावत, कानहींग रावत आए तो कांग्रेस की ओर से विधायक रमीला खड़िया, ब्लॉक अध्यक्ष जयंतीलाल कोवालिया, हंसमुख सेठ, रजनीकांत खाब्या मतदानस्थल पर डटे रहे। 2015 में हुए पंचायतीराज चुनाव में कुशलगढ़ के 17 वार्डों में से भाजपा और कांग्रेस को 8-8 सीटें मिली थी, वहीं चंपादेवी निर्दलीय चुनाव जीती थी। प्रधान के चुनाव में चंपादेवी ने कांग्रेस को समर्थन दिया था, उस समय रमीला खड़िया प्रधान और चंपादेवी उपप्रधान बनी थी। पिछले साल फर्जी अंकतालिका मामले में प्रधान रमीला खड़िया को पद से निलंबित कर दिया था। इसके बाद से सीट खाली थी। साथ ही 5 खाली वार्डों के 30 जून को हुए चुनाव में कांग्रेस को 3 और भाजपा को 2 सीटें मिली थी। उपचुनाव में मिली जीत के बाद भाजपा ने नगर में विजय जुलूस निकाला। 

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