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इस तरह नीचता पर पहुंची राजनीति, भाजपा को नीच कहकर मोदी के वोट बैंक बढाने का काम तो नहीं कर रहे है कांग्रेस के नेता

इस तरह नीचता पर पहुंची राजनीति, भाजपा को नीच कहकर मोदी के वोट बैंक बढाने का काम तो नहीं कर रहे है कांग्रेस के नेता
@HelloBanswara - -

Banswara December 08, 2017

विवेक वीरेंद्र उपाध्याय

गुजरात चुनाव भाजपा के लिए मुछे और कांग्रेस के लिए मौका है, दोनों ही गुजरात चुनाव में जनता का दिल जितने के लिए हर प्रकार के संभव प्रयास करने में लगी हुई है। जाती, धर्म, हिंदु, मुस्लिम ना जाने कैसे-कैसे पैंतरों का इस्तेमाल करने में लगे हुए हैं राजनेता, पटेलों का दिल जितने के लिए कांग्रेस के पास हार्दिक पटेल है भाजपा अब भी विकास और कांग्रेस के नेताओं के बयानों से अपनी जीत को कायम करने में लगी हुई है। कांग्रेस के पास अब युवा अध्यक्ष भी है जी हा राहुल गांधी यह नाम तो आज कल जनता की जुबां पर है ही बस दिल में उतरने में यह थोड़े कमजोर साबित हो रहे है। ओर यही वजह ही की लगातार चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है। किसी के पास कांग्रेस के वशंवाद कारण है तो किसी के पास कांग्रेस के नेताओं के बेतुके बयान और इन सब का सीधा-सीधा लाभ भाजपा को ही किसी ना किसी प्रकार से मिल रहा है। मोदी की दीवानगी हो ना हो पर मोदी के बोल जरूर लोगों के दिलों में घर कर रहे है। यही कारण है की देशभर में भाजपा का वर्चस्व आज सबसे ज्यादा बना हुआ है। फिलहाल गुजरात की बात है, राम मंदिर भी इस बार मुद्दों में शामिल है। विकास को पागल होते होत कांग्रेस के मणीशंकर अय्यर ने बचा लिया है तो हिंदुओं के वोटों के लिए कपिल सिब्बल का बयान काफी है, अब भाजपा के नेताओं को बस जनता को कॉग्रेस के इन बयानों को ही तो याद दिलाना है। यानी जनाब साफ-साफ बात यह है की मोदी का विकास लोगों को बताना पड़े या ना पड़े पर कांग्रेस पार्टी के दिग्गजों के बयानों को जरूर जनता को याद दिलाते रहने होंगे। और यह शायद भाजपा के लिए कॉफी है, गुजराज में फिर से कमल खिलाने के लिए। इधर, मणिशंकर अय्यर के बयान पर पलटवार करने में मोदी साहब ने तो जरा भी देर नही की मणीशंकरजी के बयान के बाद रैली करते समय मोदी जी ने भी अपना पांसा फैंक दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘श्रीमान मणिशंकर अय्यर ने आज कहा कि मोदी नीच है। मोदी नीच जाति का है। क्या यही भारत की महान परंपरा है? ये गुजरात का अपमान है। मुझे तो मौत का सौदागर तक कहा जा चुका है। गुजरात की संतानें इस तरह की भाषा का तब जवाब दे देगी, जब चुनाव के दौरान कमल का बटन दबेगा। मुझे भले ही नीच कहा है। लेकिन आप लोग अपनी गरिमा मत छोड़िएगा। अब तो देखना यह होगा की यह बात मोदीजी के कितने काम आएगी। और भाजपा को इसका गुजरात चुनाव में क्या फायदा होगा। इसका जवाब तो अब हमें गुजरात में होने वाले चुनावों के परिणाम के बाद ही पता चल पाएगा। पर फिलहाल राजनीति के अनोखे रुप देखने जरूर आपको गुजराज के चुनाव होने तक मिलते रहेंगे। चुनाव के फैसले जो भी हो, जनता को विकास मिले ना मिले पर मनोरंजन भरपूर होता रहेगा।

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